भागलपुर, बिहार न्यूज लाईव। अलीगंज स्थित काली स्थान के प्रांगण में भामाशाह की 476 वीं जयंती समारोह का उदघाटन डॉ. वसुंधरा लाल के द्वारा दीप प्रज्ज्वलित करके किया गया। मौके पर डॉ. लाल ने कहा कि भामाशाह का योगदान को दानवीरता के रूप में नहीं बल्कि शूरवीरता के रूप में हमें देखना चाहिए। तभी मातृभूमि के प्रति उनके प्रेम को समझा जा सकता है।
कार्यक्रम संयोजक नीरज कुमार एवं स्वागताध्यकक्ष डॉ. अविनाश कुमार ने कहा कि भामाशाह की संपति और सेना ने गुलामी पर एक मजबूत प्रहार किया था।जिससे देश में विदेशी अक्रांता से मुक्ति का द्वार खुल दिया।नंदकिशोर पंडित एवं ब्रजेश साह ने कहा कि तथाकथित इतिहासकारों ने हमारे नायक भामाशाह को अपने लेखनी में अधीनस्ता का भाव प्रकट कराकर उन्हें योद्धा की जगह दानवीर भामाशाह बनाकर छोड़ दिया है। इस कारण हमारे द्वारा किए गए योगदान को महत्त्व नहीं दिया गया है।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए श्री शंभू दयाल खेतान जी ने कहा वैश्य समाज की भी राष्ट्र निर्माण की प्रक्रिया में महत्वपूर्ण भूमिका रहा है।
कार्यक्रम को संबोधित श्री सुरेश भगत जी ने कहा की वैश्य समाज के लोग पहले तलवार चलाते थे तो आज सिर्फ तराजू क्यों कार्यक्रम के अध्यक्षता कर रहे डॉक्टर बिहारी लाल जी ने कहा की समाज के समग्र विकास के लिए समाज के लोगो को इसके लिए सभी क्षेत्रों में आगे आने की जरूरत है। जबकि मंच संचालन नरेश साह एवं रूपा साहा ने किया। इस कार्यक्रम को दर्जनों वक्ताओं ने संबोधित किया।इस कार्यक्रम में मुख्य रूप से अजीत सोनू,अमित भगत , प्रो अरविंद, शंकर साह, चंदन कुमार, संतोष साह, रजनीश कुमार, विक्रम कुणाल, प्रवीण साह, रेखा साह, आशीष स्कंद, प्रियंका भगत, रामदेव साह, पम्मी साह आदि ने भाग्य लिया।
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