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वाराणसी: ज्ञान का प्रकाशपुंज है मिथिला, बहुउपयोगी है मिथिला कैलेंडर

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*कार्यक्रम में दी सेन्ट्रल बार और दी बनारस बार एसोसिएशन के नवनिर्वाचित पदाधिकारियों का हुआ सम्मान*

*गरीबों में कम्बल का हुआ वितरण*

बिहार न्यूज़ लाइव वाराणसी डेस्क वाराणसी,14 जनवरी
मैथिल समाज, उत्तर प्रदेश द्वारा मकरसंक्रांति के अवसर पर ऐतिहासिक भारतेन्दु भवन,चौखम्बा, चौक में मिथिला कैलेंडर लोकार्पण सह सम्मान का कार्यक्रम सम्पन्न|

कार्यक्रम का शुभारंभ कवि कोकिल विद्यापति के चित्र पर माल्यार्पण और दीप प्रज्ज्वलित करके आगत अतिथियों द्वारा किया गया|

संस्था के अध्यक्ष निरसन कुमार झा (एडवोकेट) ने कार्यक्रम के मुख्य अतिथि दी बनारस बार के अध्यक्ष अवधेश कुमार सिंह को पाग,जगत जननी माँ जानकी का चित्र,माला और सॉल पहनाकर सम्मानित किया|

सम्मान के क्रम में दी सेन्ट्रल बार एसोसिएशन नव निर्वाचित अध्यक्ष मुरलीधर सिंह, महामंत्री सुरेन्द्र नाथ पाण्डेय दी बनारस बार एसोसिएशन के अध्यक्ष अवधेश सिंह और महामंत्री कमलेश सिंह यादव को पाग,महाविदुषी गार्गी का चित्र,माला और सॉल से सम्मानित किया गया|

मुख्य अतिथि पद से बोलते हुए बनारस बार के अध्यक्ष ने कहा कि मिथिला कैलेंडर सह पंचांग में
मिथिला परंपरा अनुसार घर घर उपयोगी गोसाउनिक गीत, दूर्वाक्षत मंत्र, यज्ञोपवीत धारण मंत्र-(1)वाजसनेयिनां, (2) छन्दोगनां मंत्र और गायत्री मंत्र का समावेश बहुत ही प्रशंसनीय है|

मुख्य वक्ता पद से बोलते हुए सेन्ट्रल बार एसोसिएशन के महामंत्री सुरेन्द्र नाथ पाण्डेय ने कहा कि
कैलेंडर में मिथिला पंचांग का समावेश मिथिला कैलेंडर को बहुपयोगी बना देता है मिथिला के पर्व, त्योहार,शादी विवाह, गृह प्रवेश, मुण्डन, जेनेऊ, आदि प्रत्येक महीने के अनुसार है जिससे कि आम मैथिल जनमानस आसानी से कैलेंडर देख के पंचांग के अनुसार अपने कार्य समपन्न कर सकता है|

कार्यक्रम कि अध्यक्षता करते हुए संस्था के प्रदेश अध्यक्ष निरसन कुमार झा (एडवोकेट) ने कहा कि कैलेंडर में मिथिला के विदुषी परम्परा को स्थान दिया जाना बहुत ही प्रशंसनीय कार्य है जगत जननी माँ जानकी,महासती अनसूइया,महाविदुषी गार्गी,सरस्वती स्वरुपा भारती,विदुषी मैत्रेयी, महाकवि कालिदास कि पत्नी विद्योत्तमा के बारे संक्षिप्त जानकारी दी गई है जो कि बहुत ही उपयोग और ज्ञानवर्धक है|
प्राचीन काल से ही मिथिला ज्ञान, विज्ञान और दर्शन कि भुमि रही है| विस्तृत परिपेक्ष में देखा जाय तो ज्ञान का प्रकाश पुंज है मिथिला|

कार्यक्रम का संयोजन/संचालन गौतम कुमार झा (एडवोकेट) ने किया| स्वागत संस्था के अध्यक्ष निरसन कुमार झा (एडवोकेट) ने और धन्यवाद सुधीर चौधरी ने दिया|

कार्यक्रम में प्रमुख से भारतेन्दु के वंशज दीपेश चन्द्र चौधरी,भोगेन्द्र झा,पं राजेन्द्र त्रिवेदी,हरिमोहन पाठक,अमित तिवारी, भगीरथ मिश्र, ओपी पाण्डेय,अनीशा शाही आदि लोग उपस्थित थे|

 

 

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