बिहार न्यूज़ लाइव हाजीपुर डेस्क डॉ० संजय (हाजीपुर) -ऐतिहासिक गाँधी स्मारक पुस्तकालय में कुछ वर्षों के बाद पुनः रविवार को सायं 4 बजे से आयोजित हुई मासान्त कवि गोष्ठी जिसकी अध्यक्षता डॉ० शैलेन्द्र राकेश तथा संचालन डॉ० संजय विजित्वर’ ने की। इस मासान्त कवि गोष्ठी का शुभारंभ अखौरी चन्द्रशेखर की सामयिक गीत रचना ‘आदमीयत लुट चुकी है ‘से हुई ।
इसके बाद डॉ० अशोक कुमार सिंह ने घर -परिवार में बुजुर्ग की विवशता पर रचना- ‘बहू से यदि चाय मांगता वो मांगती है टैक्स, बेटा से कुछ कहना चाहा वो नहीं है रिलैक्स’–सुनाई। इस क्रम में अश्वनी कुमार आलोक ने अपनी छंदबद्ध रचना-‘सृष्टि के मूल में है कविता’ की प्रस्तुति की। डॉ० नन्देश्वर सिंह ने जनवादी रचना -‘आजकल के जमाने में शुभचिंतक ऐसे होते हैं जो आपका शुभ देखकर चिंतित हो जाते हैं’ –‘उल्फत के बाजार में मैं ठगा गया हूँ ‘- के माध्यम से सामाजिक विसंगति पर प्रहार किया। विवेका चौधरी ने अपनी सुमधुर स्वर से गजल ‘बहुत खूबसूरत है मेरा सनम’ से सब का मन हर्षित कर दिया। कविवर आशुतोष सिंह ने अपनी मधुर गीतमयी रचना-‘जिन्दगी तुमने बहुत रंग दिखाये अपने’ तथा ‘खुशबुओं का शहर और अकेला हूं मैं’—से कवि गोष्ठी में चार चांद लगाया। रंगकर्मी मनोरंजन वर्मा ने इस गोष्ठी में
सामयिक रचना ‘ऐसे भी कुछ समय हैं बीते जो स्वर्णिम इतिहास बने’ सुनाई। इस अवसर पर दो युवा कवियित्री कविता नारायण तथा साक्षी गोस्वामी ने नारी की स्वतंत्रता पर मुक्त छंद की रचना सुनाकर अपनी उदीयमान प्रतिभा का परिचय दिया। इसके बाद मासान्त कवि गोष्ठी का संचालन कर रहे डॉ० संजय विजित्वर’ ने अपनी गीतमयी रचना-‘सगे इंतजार में हैं कभी भी कुछ तो मांगेगा, इस आस में पड़े वे बुरे वक्त में पुकारेगा’ सुनाकर अर्थाभाव में जी रहे लोगों पर संपन्न लोगों की कातर दृष्टि पर व्यंग्य किया जिसपर उपस्थित कवियों ने वाहवाही की। गोष्ठी के अंतिम चरण में अपने अध्यक्षीय संबोधन में डा शैलेन्द्र राकेश ने कहा कि पुनः यह मासान्त कवि गोष्ठी का कुछ वर्षों के बाद शुभारंभ हुआ है और इस गोष्ठी के माध्यम से सुमधुर रचनाएँ सुनने को मिली और यह गोष्ठी सफल हुई। साथ ही अपनी एक रचना सुनाई। कवि गोष्ठी के अन्त में पूर्व सैनिक सुमन कुमार ने आगत कवियों तथा श्रोताओं के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि कविवर संजय विजित्वर’ के सदप्रयास और संयोजकत्व में आयोजित इस कवि गोष्ठी में आप सभी पधारे इसके लिए सहृदय धन्यवाद तथा अनवरत यह चलता रहे यही कामना है।
इस मासान्त कवि गोष्ठी में मनोज कुमार, सूर्यर्कान्त, प्रतीक कुमार सोनू,गंगोत्री प्रसाद सिंह, इंद्रदेव राय सहित कई लोगों की उपस्थिति रही।
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