हाजीपुर: सन् 2024 की पूर्व संध्या पर आयोजित हुई मासान्त कवि- गोष्ठी

Rakesh Gupta

 

 _ बिहार न्यूज़ लाइव हाजीपुर डेस्क: डॉ० संजय (हाजीपुर)- सन् 2024 की पूर्व संध्या पर रविवार को ऐतिहासिक गाँधी स्मारक पुस्तकालय में हर्षोल्लास मासान्त कवि- गोष्ठी आयोजित हुई जिसकी अध्यक्षता वरिष्ठ कवि, हरि विलास राय ने की तथा संचालन, डॉ० संजय ‘विजित्वर’ ने किया। इस अवसर पर बुजुर्ग और लब्ध प्रतिष्ठित कवियों के साथ-साथ कई रंगकर्मी तथा युवाओं की उपस्थिति रही।

 

कार्यक्रम की शुरुआत डॉ० महेन्द्र प्रियदर्शी की रचना- देखा था जैसा सपना —सामयिक रचना से हुई। इसके बाद वरिष्ठ कवि, डॉ० शिव बालक राय प्रभाकर ने 2024 के लिए हार्दिक शुभकामना की प्रस्तुति में -हैं ढेर सारी शुभकामनाएं,परिवार में सुख शांति हो यही अपेक्षाएं —सुनायी। इस क्रम में वरिष्ठ कवियित्री, विवेका चौधरी ने सरस्वती वंदना -मैया, ओ मेरी मैया, हाथों में वीणा सजी है-सुनाकर तालियां बटोरी।वरिष्ठ कवि, डॉ० अशोक कुमार सिंह ने मद्द निषेध को लेकर-मधुपान करना ही था तो आये तुम क्यों मेरे पास–सुनाकर खूब हंसाया और तालियां बटोरी।इसके बाद वरिष्ठ कवि, अखौरी चन्द्रशेखर ने -बची जिन्दगी को रखे हम सजाकर, नया साल हो आप सब को मुबारक- सुनाकर खूब वाहवाही और तालियां बटोरी।

 

वरिष्ठ रंगकर्मी,क्षितिज प्रकाश ने-नये वर्ष की आंखों में है तैर रही पूर्व कथा-कहानी, वही कलेण्डर, वही तारीखें कालों की काली मनमानी सुनाकर मन की चिन्ता जाहिर की।मासान्त कवि-गोष्ठी का संचालन कर रहे डॉ० संजय ‘विजित्वर’ ने -आपस में प्रेम -प्रीत बन जाए गीत- रीत , हरपल गतिमान रहे सब, संजय का यही संदेश- सुनाकर खूब वाहवाही और तालियां बटोरी।–इसके बाद विजय कुमार विनीत की रचना- तुम्हारा सच नहीं लगता कडवा, कड़वा लगता है तुम्हारा झूठ-सुनकर लोग प्रभावित हुए।

 

प्रो० अनिल लोदीपुरी ने -चुप सन्नाटे में रक्तिम आंखो से बढता हुआ खौलता लावा बिल्कुल अकेला, किंकर्तव्यविमूढ़ -को काफी सराही गई। वरिष्ठ कवि, डॉ० नंदेश्वर सिंह ने-बाकी है जिन्दगी कर लो तारीखें अपने नाम , मत गुजरने दो नये साल को पिछले सालों की तरह सुनाकर खूब तालियां बटोरी।शिक्षक, सत्येश्वर कुमार ने पेरोडी अंदाज में -मैं कैसे करूँ कविता-पाठ, अरे बाबा ना बाबा सुनाकर सबको खूब हंसाया। मेदिनी कुमार मेनन ने -दानव मानव ना बने –सुनाई। मासान्त कवि-गोष्ठी की अध्यक्षता कर रहे वरिष्ठ कवि,हरि विलास राय ने -इस विकल वेदना को भूलकर मैं कर सकूँ थोड़ा विश्राम, इस चराचर सृष्टि के पीछे जहाँ विराट सत्ता का धाम सुनाकर सबको भाव विह्वल कर दिया।

 

धन्यवाद ज्ञापन प्रो० अनिल लोदीपुरी ने किया। इस अवसर पर पूर्व सैनिक, सुमन कुमार ने आगत कवियों के प्रति स्वागत भाव दर्शाते हुए सबके प्रति आभार जताई।इस अवसर पर चार युवाओं ने गांधी स्मारक पुस्तकालय की सदस्यता ली। डॉ० जनार्दन सिंह,हिमांशु राज, प्रशांत कुमार, विक्रम कुमार, शैलेश कुमार,धनंजय कुमार, रोहित , साक्षी गोस्वामी सहित दर्जनों युवाओं की उपस्थिति रही।

 

 

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