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सिवान: मुस्लिम मुखिया ने किया श्रद्धालुओं के जलपान का प्रबंध

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अपने हाथों कराया शोभायात्रा में शामिल श्रद्धालुओं को जलपान

बिहार न्यूज़ लाइव / सिवान डेस्क: नौतन।

स्थानीय प्रखंड हिंदू मुस्लिम एकता के लिए काफी प्रसिद्ध रहा है, जिसमें दोनों समुदाय के लोग एक दूसरे के शोभायात्रा या जुलूस में शामिल लोगों को जलपान एवं नाश्ता आदि का प्रबंध करते रहते हैं। इसके अलावा बहुत से ऐसे आयोजन होते हैं, जिनमें एक समुदाय के लोग दूसरे समुदाय के लोगों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चलते हैं।

 

ऐसा ही मनोरम दृश्य रामनवमी के मौके पर निकली एक शोभा-यात्रा के दौरान प्रखंड क्षेत्र के मुरारपट्टी में देखने को मिला, जहां स्थानीय मुखिया हवलदार अंसारी ने मध्य विद्यालय मुरारपट्टी के बगल में स्थित दुर्गा मंदिर परिसर में टेंट डालकर श्रीराम जन्मोत्सव के शोभायात्रा में शामिल श्रद्धालुओं के जलपान एवं नाश्ते का प्रबंध किया था।

 

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वहां मुखिया हवलदार अंसारी ने स्वयं अपने हाथों से शोभायात्रा में शामिल श्रद्धालुओं को शरबत, बिस्किट्स एवं पानी आदि देते दिखाई दे रहे थे। इस सामाजिक समरसता को मजबूत करने वाले नेक काम में उनके सहयोगी एवं सामाजिक युवा डॉक्टर शौकत अली, अकबर अंसारी, इकबाल अंसारी, फिरोज अंसारी, हसन अंसारी सहित अन्य मुस्लिम समुदाय के सामाजिक लोग उनके साथ पूरा पूरा सहयोग कर रहे थे।

बता दें कि मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम के जन्मोत्सव को लेकर चारों तरफ़ शोभायात्रा एवं जुलूस का आयोजन किया जाता है। ऐसी मान्यता है कि श्रीराम का जन्म इसी दिन हुआ था। भक्तों के दुःख दूर करने और असुरों का संहार करने के लिए मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम त्रेता युग में इसी दिन पैदा हुए थे।

 

इस तरह से वासंतिक नवरात्र के नौवें दिन उनका जन्म हुआ था। विद्वानों के अनुसार मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम मध्य दोपहर में, कर्क लग्न और पुनर्वसु नक्षत्र में पैदा हुए थे। मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम के जन्म की इस तारीख का जिक्र रामायण और रामचरित मानस जैसे तमाम धर्मग्रंथों में किया गया है। ऐसी मान्यता है कि मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम स्वयं भगवान विष्णु का सातवां अवतार थे।

 

दूसरी मान्यता के अनुसार भगवान राम और रावण के बीच युद्ध की कहानी भी नवरात्रि से जोड़कर देखी जाती है। ऐसा कहते हैं कि जिस वक्त श्री राम सीता को रावण के चंगुल से छुड़ाने के लिए युद्ध लड़ रहे थे। उस समय रावण पर विजय पाने के लिए भगवान श्री राम ने देवी दुर्गा का अनुष्ठान किया था। यह पूजा अनुष्ठान पूरे 9 दिनों तक चला था, जिसके बाद मां दुर्गा ने भगवान श्री राम के सामने प्रकट होकर उन्हें जीत का आशीर्वाद दिया था। वहीं, दसवें दिन भगवान श्री राम ने रावण का वध कर विजय हासिल की थी।

 

इसी को लेकर स्थानीय प्रखंड में भी शोभायात्रा एवं जुलूस का आयोजन किया गया, जिसमें हमारी भारतीय संस्कृति एवं सभ्यता की पहचान ‘अनेकता में एकता’ को उजागर करने के लिए मुरारपट्टी मुखिया हवलदार अंसारी ने सही दिशा में प्रयास किया गया। मौके पर राकेश कुमार मिश्र, गोलू कुमार सिंह, बंटी मिश्र, गुड्डू मिश्र, पवन सिंह, उमेश यादव, विपुल मिश्र, मंजेश चौहान सहित सैकड़ों युवा शामिल थे।

 

 

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