पद्मभूषण डॉ. बिंदेश्वर पाठक अपने कर्मों में सदैव जीवित रहेंगे- डॉ.मधेपुरी

Rakesh Gupta

मधेपुरा:सुलभ इंटरनेशनल के संस्थापक 80 वर्षीय पद्मभूषण डॉ. बिंदेश्वर पाठक नहीं रहे। मंगलवार 15 अगस्त को नई दिल्ली में सुलभ इंटरनेशनल के केंद्रीय कार्यालय में ध्वजारोहण के बाद उनकी तबीयत बिगड़ी और एम्स में इलाज के दौरान करीब दो बजे अपराह्न में उनका निधन हो गया। बुधवार को नई दिल्ली के लोदी गार्डन शवदाह गृह में उनका शरीर पंचतत्व में विलीन हो गया। पुत्र कुमार दिलीप ने उन्हें मुखाग्नि दी। बिहार के वैशाली जिला ने अपना ऐसा लाल खोया जिन्होंने अपनी क्रांतिकारी सोच के बूते विश्व में भारत का नाम रोशन किया था। उनके निधन से बिहार ही नहीं देश की अपूरणीय क्षति हुई है।

समाजसेवी डॉ. भूपेंद्र नारायण यादव मधेपुरी ने शोक व्यक्त करते हुए कहा कि 80 के दशक में मैं भी मधेपुरा नगर पालिका का उपाध्यक्ष हुआ करता था। डॉ. पाठक के कार्यों से प्रभावित होने के कारण अपने मित्र पटना के पीएचईडी विभाग के कार्यपालक अभियंता विनोदानंद यादव के साथ उनसे मिलने उनके निवास पर गया था।

कुछ ही देर की बातचीत में उनकी सोच से हम दोनों सर्वाधिक प्रभावित हुए थे, क्योंकि उन दिनों मधेपुरा नगरपालिका में भी मैला सिर पर ढोया जाता था। डॉ. पाठक ने उन दिनों सुलभ शौचालय को सार्वजनिक चर्चा का हिस्सा बना दिया था। उनके इस मुहिम से देश में मनुष्यता की गरिमा सर्वाधिक बढ़ी। उनके इन्हीं कार्यों के लिए कई अंतरराष्ट्रीय पुरस्कारों से भी इन्हें नवाजा गया था। डॉ. बिंदेश्वर पाठक अपने पर्यावरणीय सुरक्षा एवं स्वच्छता अभियान के कार्यों में सदैव जीवित रहेंगे। ईश्वर उनकी आत्मा को चिर शांति प्रदान करें।

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