Bihar News Live
News, Politics, Crime, Read latest news from Bihar

 

हमने पुरानी ख़बरों को archive पे डाल दिया है, पुरानी ख़बरों को पढ़ने के लिए archive.biharnewslive.com पर जाएँ।

प्रधानाध्यापक नियुक्ति नियमावली को तर्कसंगत बनाया जाए:आनंद पुष्कर*

741

Patna:स्व० श्री केदार नाथ पाण्डेय के पुत्र आनंद पुष्कर ने माननीय उच्च न्यायालय पटना ने अब्दुल बाकी अंसारी की रिट याचिका में हस्तक्षेप करते हुए कहा है कि प्राथमिक विद्यालय के प्रधान शिक्षक के लिए बिहार सरकार के द्वारा जो नियमावली बनाई गई है उसमें उचित प्रक्रिया का पालन नहीं किया गया है ।

 

नियमावली का प्रारूप प्रकाशित करके उस पर सभी हितधारकों का परामर्श लिया जाना चाहिए था और उसके बाद एक बेहतर सेवा शर्त नियमावली बनाई जानी चाहिए थी जो नहीं किया गया इसलिए इसमें अपेक्षित सुधार किया जाए मेरा यह मानना है कि बिहार सरकार ने प्राथमिक विद्यालय के प्रधान शिक्षक और उच्च माध्यमिक विद्यालयों के प्रधानाध्यापक के लिए जो सेवा शर्त नियमावली बनाई है वह अधूरी है और उसमें ऐसा कुछ भी नहीं है जो बिहार लोक सेवा आयोग से बहाल होने वाले हैं प्रधानाध्यापकों के मनोबल को ऊंचा करे उसमें ना तो कोई वेतन संरचना है और ना ही भविष्य में प्रोन्नति का कोई प्रावधान है मैं सरकार से यह मांग करता हूं की नियमावली को संशोधित करते हुए सरकारी कर्मियों के अनुरूप वेतन संरचना और वृति उन्नयन योजना का प्रावधान किया जाए और इन्हें बिहार शिक्षा सेवा नियमावली 2014 के अंतर्गत समाहित किया जाए बिहार शिक्षा संवर्ग में लाने के बाद ही प्रधानाध्यापकों से कार्यकुशलता की अपेक्षा की जा सकती है अन्यथा स्थिति में बिहार लोक सेवा आयोग के द्वारा बहाल होने वाले प्रधानाध्यापक भी नियोजित शिक्षकों की तरह अपनी सेवा शर्त को लेकर चिंतित रहेंगे और उसमें सुधार के लिए सड़क से सदन तक और न्यायालय तक संघर्ष करने को विवश होंगे माननीय मुख्यमंत्री जी के नेतृत्व में जो सुशासन की संकल्पना है उसे अमलीजामा पहनाया जाना चाहिए।

विज्ञापन संख्या 1 / 87 के अंतर्गत बहाल पदाधिकारियों को माध्यमिक विद्यालयों में उच्च माध्यमिक शिक्षक के रूप में लंबे समय तक रखा गया और वे शिक्षक सरकार और न्यायालय का चक्कर लगाते रहे भारत की सर्वोच्च अदालत से अंतिम निर्णय आने के बाद अब सरकार उनका संविलियन बिहार शिक्षा सेवा के अंतर्गत कर रही है देर से मिला यह न्याय अन्याय से कम नहीं है लगभग 35 साल तक संघर्षरत और न्यायालय के विचाराधीन रहने से यह शिक्षक जिस मान सम्मान और सेवा के लिए समर्पित है वह मान सम्मान और सेवा नहीं दे पाए इसकी भरपाई असंभव है इसलिए मैं बिहार सरकार से मांग करता हूं की प्राथमिक और उच्च माध्यमिक विद्यालयों के प्रधानाध्यापक के लिए ऐसी सेवा शर्त नियमावली बनाई जाए जिससे बिहार लोक सेवा आयोग के द्वारा बहाल शिक्षक गर्व का अनुभव करें और अपनी पूरी क्षमता से बिहार की शिक्षा व्यवस्था को सुधारने का प्रयास करें।

Get real time updates directly on you device, subscribe now.

Comments are closed.

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More