बिहार न्यूज़ लाइव सिवान डेस्क: नौतन।/ सरकार या सरकार के नुमाइंदे प्रदेश भर में चाहे जितने भी विकास के दावे कर लें, लेकिन स्थानीय प्रखंड की निर्माणाधीन सड़कें उन दावों की खोखली हकीकत को उजागर कर रही हैं। ये और बात है कि आम जनमानस को अन्य बातों में बरगलाकर इन निर्माणाधीन सड़कों की बात को दबाने की नाकाम कोशिश की जा रही है। लेकिन लाख कोशिशों के बावजूद भी हकीकत को दरकिनार नहीं किया जा सकता है ।
इसका जीता जागता उदाहरण स्थानीय प्रखंड की निर्माणाधीन सड़कें हैं, जो चीख-चीखकर सरकार के खोखले दावों की पोल खोल रही हैं। बता दें कि स्थानीय प्रखंड में ऐसी कई सड़कें हैं जो शिलान्यास के ढ़ाई सालों बाद भी अधूरी हैं। इनमें सबसे प्रमुख सड़क सिसवाँ-नौतन मुख्य मार्ग का सिसवाँ से कादिरचक कोइरीटोला तक का हिस्सा, जिसका शिलान्यास 5 सितंबर 2020 को हुआ था। लेकिन शिलान्यास के डेढ़ साल बाद तक इस हिस्से पर संवेदक द्वारा कुछ भी कार्य नहीं कराया गया, जिसकी शिकायत स्थानीय मुखिया द्वारा जिले में की गई। शिकायत के बाद जिला के वरीय पदाधिकारियों द्वारा संज्ञान लिया गया, जिसके बाद आनन फानन में मई 2022 में कार्य प्रारंभ हुआ।
लेकिन मेटल बिछाने के बाद इसका कार्य अभी तक रुका हुआ है। ऐसे ही सिसवाँ-जगदीशपुर मोड़ से जगदीशपुर गाँव व पैक्स गोदाम कीलपुर होते हुए कीलपुर-कादिरचक चँवर वाली सड़क तक जाने वाली सड़क का भी शिलान्यास उसी दिन तत्कालीन विधायक रमेश सिंह कुशवाहा द्वारा किया गया। उक्त सड़क की भी यही दशा है। हालांकि उक्त सड़क सिसवाँ-जगदीशपुर मोड़ से जगदीशपुर नवनिर्मित रामजानकी मंदिर तक पक्की (पीच) तथा जगदीशपुर गाँव में पीसीसी हो चुकी है।
लेकिन लगभग डेढ़ किलोमीटर तक इसका बाकी हिस्से पर मेटल बिछाने के बाद कोई काम नहीं हुआ। प्रदेश व जिले के अन्य हिस्सों में ऐसी और भी सड़कें हो सकती हैं, जिन्हें देखकर विकास के मामले में लोग सरकार की कथनी और करनी में फर्क आसानी से समझ सकते हैं। ऐसे में विकास के दावे और उन दावों की हकीकत सभी के सामने उजागर है, जिसे सरकार के पदाधिकारी एवं सरकार के नुमाइंदे जान-बूझकर नजरअंदाज कर रहे हैं। लेकिन तमाम कोशिशों के बावजूद भी हकीकत पर पर्दा नहीं डाला जा सकता है।
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