Bihar News Live Desk: प्रेस विज्ञप्ति
लोकसभा में वित्त विधेयक 2024 पर चर्चा
दूरदृष्टि पक्का इरादा का प्रतीक है केंद्र सरकार का बजट: राजीव प्रताप रुडी
• रुडी ने कहा, हमारे इंडस्ट्री और स्पोर्टस नही है,
• पंजाब के बच्चे पढ़ाई पूरी कर कनाडा, लॉस एंजिल्स जाते हैं, हमारे युवा पढ़ लिखकर बिहार से सूरत और लुधियाना जाते है।
• वैश्विक परिस्थितियां भी देश और बजट को प्रभावित करती है।
• बिहारियों के उत्थान के लिए प्रधानमंत्री ने बजट के योजनाओं, परियोजनाओं के आधार पर ध्यान देना जरूरी समझा
07 अगस्त 2024 । दूरदृष्टि पक्का इरादा का प्रतीक है केंद्र सरकार का बजट जिन मदों में राशि की जितनी व्यवस्था की गई है वह पूरी तरीके से ठोक बजाकर उस मद में खर्च देश को प्रगति के पथ पर और तेज गति से आगे बढ़ाने में सक्षम होगा। लोकसभा में वित्त विधेयक 2024 पर चर्चा में हिस्सा लेते हुए सारण लोकसभा क्षेत्र के सांसद सह भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता राजीव प्रताप रुडी ने उक्त बाते कही। बजट में बिहार को मिले विशेष विकास योजनाओं पर भी चर्चा हुई। जीस पर सारण सांसद ने कहा कि केंद्र सरकार का बजट प्रधानमंत्री के दूर दृष्टि और मजबूत इरादे को प्रतिबिंबित करता है।
बिहार के संदर्भ में बात चर्चा करते हुए सांसद रुडी ने कहा कि हमारे पास पंजाब, की तरह ना इंडस्ट्रीज़, न टेक्सइाइल्स है और न ही स्पोर्टस है। इन प्रगतिवादी राज्य के लोग की प्रति व्यक्ति आमदनी बिहारियों से बहुत अधिक है, इसलिए वहाँ के बच्चे पढ़ाई पूरी करने के बाद अर्थोपार्जन के उद्देश्य से कनाडा, लॉस एंजिल्स जाते हैं, लेकिन अर्था भाव में हमारे बिहार के युवा पढ़ लिखकर बिहार से निकल कर के सूरत और लुधियाना जाता है। यह बिहारियों के आर्थिक रूप से पिछड़ेपन के कई मानको में एक मानक है। ऐसी स्थिति में बिहारियों के उत्थान के लिए यदि प्रधान मंत्री ने बजट के योजनाओं, परियोजनाओं के आधार पर ध्यान देना जरूरी समझा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश की सरकार ने बिहार के लिए कुछ सोचा है तो इससे किसी की तुलना नहीं करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि नेपाल से जो पानी आता है और हमारे यहाँ जो तबाही फैलाता है यदि उससे बिहार को निजात दिलाने के लिए 11 या 15 हजार करोड़ दिया है तो ये स्वागत योग्य विषय है।
रुडी ने कहा कि विकास के मामले में हमेशा दूरदर्शी होना जरूरी होता है, लेकिन के लोगों की की दूरदृष्टि ही कमजोर हो गई है जिसका कोई और इलाज नहीं है? उन्होंने कहा कि आज देश में प्रतिदिन सड़क 57 किलोमीटर हम बनाते हैं, रेलवे ट्रैक जो 63 मिलियन किलोमीटर पहुँच गया टोल प्लाज़ा जिसमे रुकने का समय 40 सेकंड हो गया, पहले 12 मिनट हुआ करता था। ये सब विकास के मामले में दूरदर्शी होने का ही परिणाम है।
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