*पत्रिका का हुआ लोकार्पण :*
शब्दयात्रा-भावांजलि-अंक’,समाज-प्रहरी-साहित्यकार रामावतार राही को सच्ची श्रद्धांजलि है
:*पारिजात।*
भागलपुर- बिहार न्यूज लाईव। रविवार ‘अंगभूमि की मिट्टी में पैदा हुए अपने सरल किन्तु सटीक व्यंग्य-बाणों से अखिल भारतीय स्तर पर नाम बटोरनेवाले रामावतार राही पर, साहित्यकार-पत्रकार पारस कुंज के कुशल सम्पादन में अनियत कालीन पत्रिका ‘शब्दयात्रा’, ताजिन्दगी अपनी कृतियों के माध्यम से समाज के प्रहरी बने एक साहित्यकार को सच्ची श्रद्धांजलि है। पारस कुंज ने ‘दिल के कमरे से वो निकला एक किरायेदार सा’ शीर्षक अपने संपादकीय में राही जी से जुड़े संस्मरणों का मार्मिक वर्णन किया है !’ – उक्त बातें स्थानीय संतनगर-बरारी अवस्थित ‘संत छोटेलाल आश्रम’ में पारस कुंज द्वारा संपादित ‘शब्दयात्रा : रामावतार राही : एक भावांजलि’ के लोकार्पण-पर्व पर बिहार के पूर्व सूचना उपनिदेशक शिवशंकर सिंह पारिजात ने कही।पुस्तिका लोकार्पण-पर्व की अध्यक्षता करते हुए बाबाश्री संत छोटेलाल दास ने कहा – ‘राही जी ने संपत्ति का त्यागकर यश अर्जित किया, जिसका माध्यम उन्होंने साहित्य के हास्य-व्यंग्य विधा को चुना । उनपर ‘शब्दयात्रा’ का यह भावांजलि-अंक हर मामले में ऐतिहासिक, महत्वपूर्ण और संग्रहणीय है !संचालन करते हुए ‘शब्दयात्रा’ के संपादक पारस कुंज ने कहा – ‘देश-विदेश के किसी भी कोने में, जहाँ-कहीं भी अंगवासी हैं, रामावतार राही की कविता वहाँ तक सुनी और गायी जाती है !’ विशिष्ट अतिथि ‘उल्लू’ पत्रिका के यशस्वि संपादक सुप्रसिद्ध हास्य-व्यंग्य कवि अश्विनी कुमार भागलपुरी ने कहा – ‘राही जी के चेहरे पर क्रोध की छाया तक मुझे कभी दिखाई नहीं दी | ‘शब्दयात्रा’ का यह विशेषांक काफी हद तक उनकी याद को बनाए रखने में समर्थ्यवान रहेगी !’ कवयत्रि माधवी चौधरी ने उनपर ‘शब्दयात्रा’ का विशेषांक निकालने पर संपादक पारस कुंज की प्रशंसा करते हुए राही जी की जीवन-यात्रा को अद्भुत एवं प्रेरणात्मक बताया ।गीतकार मुरारी मिश्र ने ‘शब्दात्रा’ भावांजलि-अंक की भूरी-भूरी प्रसंशा करते हुए राही जी पर अपनी एक हृदयग्राही कविता सुनाई। आरंभ में ‘शब्दयात्रा’ के राही-अंक पर अपने सारगर्भित विचार व्यक्त करते हुए विशिष्ट अतिथि आमोद कुमार मिश्र ने मंगलाचरण प्रस्तुत किया। इस अवसर पर दिवंगत राही जी की पत्नी उषा राही, बाबा छोटेलाल दास, शिवशंकर सिंह पारिजात अश्विनी कुमार भागलपुरी, पारस कुंज, माधवी चौधरी, डॉ जयंत जलद, ब्रजेश दास, डॉ विभुरंजन, डॉ शंभू सागर, शिवम् कुमार, सत्येन भास्कर, सुमन शेखर, संजय कुमार सुमन आदि की महत्वपूर्ण उपस्थिति रही।
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