भागलपुर: ईंट भट्टों पर कार्य करने वाले बच्चों को लेकर चलाया जाएगा विशेष अभियान : डॉ. चक्रपाणि हिमांशु
*श्रमिकों को कल्याणकारी योजनाओं के बारे में करे जागरूक – डॉ. चक्रपाणि हिमांशु*
*प्रखंड और ग्राम स्तर पर चलाया जाए बाल श्रम विमुक्त अभियान*
भागलपुर, बिहार न्यूज लाईव। गुरुवार को नियोजन भवन के प्रतिबिम्ब सभागार में बिहार राज्य बाल श्रमिक आयोग के अध्यक्ष, डॉ. चक्रपाणि हिमांशु की अध्यक्षता में बाल श्रम उन्मूलन विमुक्त एवं पुनर्वास विषय पर समीक्षात्मक बैठक आयोजित हुई।
बैठक का मुख्य उद्देश्य बाल श्रम से जुड़े बच्चों के विमुक्त कराने के लिए जागरूकता अभियान के प्रचार प्रसार को लेकर रहा।
इसके अंतर्गत प्रचार-प्रसार, मेला, सूचना बूथ, कला और शिल्प गतिविधियों, दृश्यों, व्यक्तिगत कहानियों, कार्यशाला का आयोजन, सोशल मीडिया अथवा प्रखंड स्तर पर जन-जागरूकता अभियान चलाकर बच्चों को बाल श्रम से मुक्त कराया जा सकता है। ईंट भट्ठों पर कार्यरत बाल श्रमिकों को विमुक्त कराने के लिए विशेष छापेमारी और धावादल के कार्य करने पर भी सहमति बनी। बैठक को संबोधित करते हुए बिहार राज्य बाल श्रम आयोग के अध्यक्ष, डॉ. चक्रपाणि हिमांशु ने कहा कि बाल श्रम से काफी बच्चे विमुक्त हुए हैं और विभाग लगातार इस काम कर रहा है। सामाजिक-आर्थिक पिछड़ापन जो बाल मज़दूरी को बढ़ावा देने में मुख्य कारक के तौर पर काम करता है, उसे ख़त्म करना अत्यंत आवश्यक है। आजादी के बाद हमारा विभाग दिन प्रतिदिन नए मुकाम हासिल कर रहा है।
जहां एक ओर संसाधनों जैसे लैपटॉप, गाड़ी, मोबाइल इत्यादि की कमी थी वहीं आज इसकी उपलब्धता में 434 श्रम प्रवर्त्तन पदाधिकारी कार्यलाय संचालित किए जा रहे हैं। ईंट भट्टों पर काम कर रहे बच्चों को विशेष रूप से विमुक्त किया जाए और इस पर विशेष अभियान चलाकर टीम के सदस्य धावादल बनाकर छापेमारी करें। राज्य में आयोजित होने वाले मेलों या अन्य आयोजनों में एक स्टॉल बाल श्रम के जागरूकता को लेकर लगाएं और लोगों को इसके बारे में जागरूक करें। अधिकारियों के बीच आपसी संबंध जितना अच्छा होगा तो कार्य का परिणाम भी अच्छा निकलेगा। इसके साथ ही घर-घर के साथ अपार्टमेंट को चिन्हित किया जाए जहां बाल श्रम करवाया जाता है और बच्चों को विमुक्त किया जाए। पंचायत स्तर पर जनप्रतिनिधियों के साथ बैठक कर जागरूकता फैलाई जाए। यही एक मात्र विभाग है जिसमें जन्म से लेकर मृत्यु तक की योजनाओं का लाभ लाभुकों को दिया जा रहा है।
हाल ही में सभी जिले के जिलाधिकारियों के द्वारा जनसंवाद के माध्यम से विभाग के जिस तरह से योजनाओं का प्रचार-प्रसार किया गया, ठीक उसी प्रकार से सभी अधिकारी विद्यालय स्तर पर जाकर बच्चों के अविभावकों को श्रम विभाग के तहत सभी योजनाओं को बताया जाए। बाल श्रम करवाते पकड़े गए तो कितना भी प्रभावशाली व्यक्ति क्यों ना हो 20 हजार से 50 हजार तक जुर्माना या 6 से 2 साल तक का कारावास होगाl सरकारी कर्मियों के यहां पकड़े गए तो विभागीय कार्यवाही किया जाएगा l बाल श्रम बच्चों के बचपन, शिक्षा एवं स्वास्थ्य वंचित करता है। विमुक्त बाल श्रमिकों को व्यावसायिक प्रशिक्षण प्रदान किया जाता है। अन्य राज्यों से विमुक्त बाल श्रमिकों की घर सुनिश्चित किया जाता हैl विमुक्त बाल श्रमिकों के माता-पिता इंदिरा आवास,राशन कार्ड, निशुल्क स्वास्थ्य सुविधा देने की बात राज्य सरकारी योजना 2017 में की गई है, परवरिश योजना का लाभ दिलाया जाता है।
उक्त अवसर पर बिहार राज्य बाल श्रम आयोग के उपाध्यक्ष, राजीवकान्त मिश्रा ने कहा कि कुशल नेतृत्व एवं आपसी सहयोग से श्रम संसाधन विभाग लगातार अपनी नई मुकाम को हासिल कर रहा है। ऊर्जावान पदाधिकारियों एवं अधिकारियों के कारण काम करने में तेजी आई है साथ ही आम जनमानस के बीच विभाग के योजनाओं का भी प्रचार-प्रसार हो रहा है। जिस तरह से धावादल काम कर रहा है उसका कार्य काफी सराहनीय है।
पहले के तुलना में अब सीएलटीएस भी काफी अपडेट हो रहा है। मेले या फिर जिला महोत्सव के जरिए लोगों के बीच बाल श्रम को लेकर जागरूकता अभियान चलाई जाए। जिस तरह से पंचायत स्तर पर चाइल्ड फ्री मॉडल पर कार्य हो चुका है। फिर अगर आपसी समन्वय की जो कमी रह गई है उसे दूर कर और बेहतर बनाई जाए।
सरकार और विभाग के बीच समन्वय जितना अधिक होगा परिणाम भी उतने ही बेहतर देखने को मिलेंगे। सोशल मीडिया के विभिन्न आयामों पर प्रचार प्रसार का होना लोगों पर विशेष असर डालता है। साथ ही वैसे बच्चे जो किसी कारणवश नशा के शिकार हो गए है उनको भी मुख्यधारा से जोड़ा जाए।
Comments are closed.