*युवाओ को अवगत करवाना होगा प्राचीन सनातन संसकृति का महत्व
बिहार न्यूज़ लाइव / अजमेर /(हरिप्रसाद शर्मा) तीर्थगुरू पुष्करराज, जगतपिता ब्रह्मा की नगरी होने और सनातन संस्कृति के महत्व के कारण विश्व के पटल पर अत्यन्त महत्व है।हमें इस जानकारी से हमारी युवापीढ़ी को अवगत करवाना होगा।यह विचार शिक्षाविद वरिष्ठ नागरिक केदारदत्त शर्मा ने अजयमेरू सेवा समिति और अजयमेरू चौरासी कोस परियोजना समिति के संयुक्त तत्वावधान में पुष्कर में आयोजित गोष्ठी में विश्व में पुष्कर गुरू तीर्थ का महत्व विषय पर मुख्य वक्ता के रूप में अपने विचार व्यक्त किये।
वैचारिक गोष्ठी की अध्यक्षता करते हुए अजयमेरू सेवा समिति एवं श्री अजमेर व्यापारिक महासंघ के संस्थापक व महासचिव रमेश लालवानी ने अध्यक्षता की । लालवानी ने बताया कि हमें हमारे वरिष्ठ नागरिको और सुपर वरिष्ठ नागरिको से हमारे भारतीय सभ्यता और संस्कृति की जानकारी प्राप्त करके उसे अपनी युवा पीढ़ी को हस्तांतरण करने का योगदान करना चाहिये।
अजयमेरू चौरासी कास परियोजना समिति के संयोजक तरूण वर्मा ने बताया कि पुष्कर राज का महत्व मेरू पर्वत के कारण और ब्रह्मा के द्वारा उप पर्वत पर बैठकर अजेयता का वरदान लोगो को प्रदान किये जाने के कारण अजमेर का पूर्व में नाम अजयमेरू था।उन्होने अजमेर जिले से केकडी और ब्यावर अलग होने के पश्चात अब नामकरण अजयमेरू अथवा पुष्कर राज रखने की प्रधानमंत्री से ज्ञापन के माध्यम से मांग की है ।
अखिल भारतीय वेदान्त प्रचार से जुडे वरिष्ठ नागरिक हरि प्रसाद शर्मा ने बताया कि हमें हमारे सन्तो महापुरूषो के द्वारा बताये गये वेदो के अनुसार उनको जीवन में अपने आचरण में उतारना चाहिये।शर्मा ने सनातन धर्म का विश्व स्तर पर भी महत्व समझाते हुए भारत को पुनः विश्व गुरू बनाने की ओर प्रयास करने की बात कही।समाज सेवी श्रीमती लत्ता भैरूमल बच्चानी ने अपने संदेश के माध्यम से बताया कि अजमेर पूर्व में राजधानी होने के साथ साथ भारत में केन्द्र में होने के कारण इसका महत्व विश्व सतर पर है।
मुख्य वक्ता केदारदत्त शर्मा और हरि प्रसाद शर्मा , रौनक़ शर्मा को राधा स्वामी सत्संग डेरा बाबा जैमल सिंह डेरा व्यास अमृतसर का आध्यात्मिक साहित्य परमार्थी साखिया और सन्त सुन्दररदास के जीवन पर आधारित साहित्य भेंट करके सम्मानित भी किया गया। कार्यक्रम का संचालन तरूण वर्मा ने किया और धन्यवाद हरि प्रसाद शर्मा ने ज्ञापित किया।
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