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बक्सर: शिक्षा मे सुधार के दावे जिला मे खोखले साबित हो रहे है ज्यादातर छात्र छात्रो को बेसिक जानकारी का अभाव

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जिला प्रशासन के सप्ताहिक जांच पर भी उठने लगे है सवाल

बिहार न्यूज़ लाइव /बक्सर : शिक्षा मे सुधार के लिए सरकार चाहे लाख दावे करें लेकिन यह बात साफ है कि शिक्षा मंत्री डॉ चंद्रशेखर के द्वारा रामचरितमानस पर टिप्पणी करने तथा अपने राजनीतिक बयानबाजी के अतिरिक्त शिक्षा व्यवस्था के सुधार के लिए कोई भी कार्य जमीनी स्तर पर दिखाई नहीं दे रहा, जिसके कारण शैक्षणिक गुणवत्ता प्रभावित हो रही है. अकेले बक्सर जिले से ही स्कूलों की दशा सुधारने के लिए शिक्षा मंत्री को कई आवेदन दिए गए लेकिन अब तक उस पर कोई कार्य नहीं हुआ.

 

ऐसे में जिस बिहार को ज्ञान की भूमि माना जाता रहा है. वहां शैक्षणिक गुणवत्ता में गिरावट का स्तर अब साफ तौर पर देखा जाने लगा है. राष्ट्रीय उपलब्धि सर्वेक्षण 2021 में यह बात साफ हो गई है की स्कूली छात्रों का जो राष्ट्रीय स्तर पर बेसिक ज्ञान होना चाहिए उससे हमारे राज्य के बच्चों का बेसिक ज्ञान काफी कम है. यह रिपोर्ट आने के बाद शिक्षा विभाग के अधिकारी भी काफी चिंतित नजर आ रहे हैं उनका कहना है कि विद्यालयों में शैक्षणिक स्तर सुधारने का प्रयास शिक्षकों को अवश्य करना चाहिए.

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दरअसल, 12 नवंबर 2021 को राष्ट्रीय उपलब्धि सर्वेक्षण के तहत राज्य के 5 हज़ार 588 सरकारी एवं निजी विद्यालयों में कक्षा तीसरी, 5वीं, 8वीं और 10वीं की आयोजित परीक्षा की रिपोर्ट सामने आई जिसमें ज्ञात हुआ कि जिले के 68 फीसद छात्र-छात्राओं को साइंस व सोशल साइंस की समझ बुनियादी स्तर से नीचे है. निश्चित रूप से यह रिपोर्ट काफी चिंताजनक है. जिसे लेकर अधिकारी शिक्षकों को शैक्षणिक गुणवत्ता सुधारने की नसीहत देते नजर आ रहे हैं.

 

अंग्रेजी में 30 और गणित में 44 फीसद बच्चों को नहीं है बेसिक ज्ञान :

 

इस सम्बंध में विस्तृत जानकारी देते हुए जिला कार्यक्रम पदाधिकारी स्थापना शारिक अशरफ ने बताया कि नेशनल एचीवमेंट सर्वे एक राष्ट्रीय स्तर का अध्ययन है. इससे देश की शिक्षा व्यवस्था की परख की जाती है. इसमें किसी बच्चे या स्कूल की अलग से कोई रैंकिंग नहीं होती. यह ओवलऑल सर्वे होता है. हालांकि इस सर्वे से यह आंकड़ा जरूर मिलता है कि बच्चों का बेसिक ज्ञान कितना है. उन्होंने बताया कि इस सर्वे के रिपोर्ट के अनुसार जिला का परफॉर्मेंस एवरेज बेसिक से नीचे है. जब तीसरी कक्षा के बच्चों का एनएसए रिपोर्ट आया तो इंग्लिश में 30 फीसद बच्चों को बेसिक शिक्षा का ज्ञान नही है. उसी प्रकार गणित में 44 फीसद ऐसे बच्चे है जिन्हें बेसिक का ज्ञान नही है..

उन्होंने कहा कि यह विषय गम्भीर है और इसपर हमें सोचना और काम करना होगा. उन्होंने कहा कि यदि बच्चों की परफॉर्मेंस में बार-बार गिरावट आती है और पढ़ाई में उन्हें रुचि नही रहती है तो फिर वो बच्चे ड्रॉप आउट यानी पढ़ाई छोड़ने लगते हैं.

 

इसे रोकने के लिए हमें कक्षा तीन और पांच में ही बच्चों पर ध्यान देना है कि वो सिस्टम का एक हिस्सा बन जाएं और आगे पढ़ाई के लिए वो खुद प्रेरित हो जाएं. इसके लिए उन्होंने शिक्षकों से अपील करते हुए कहा कि आपकी परेशानियों को दूर करने के लिए मैं हूँ लेकिन डाटा यह जरूर दर्शाता है कि आप जमीन पर क्या कर रहे हैं. इसलिए सभी शिक्षक इस गम्भीर विषय पर ध्यान देकर बच्चों के पढ़ाई पर ध्यान केंद्रित करे.

 

 

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