विषयों में लगा मन बंधन का तथा परमात्मा में लगा मन मुक्ति का साधन है।स्वामी शुबोधानंद महराज
बिहार न्यूज़ लाइव /असरगंज, मुंगेर राजेश चौधरी की रिर्पोट।अध्यात्म योग से ही मनुष्य का कल्याण हो सकता है। अपने मन को संसार के विषयों से हटाकर परमात्मा में लगाना ही अध्यात्म योग है उक्त बातें स्वामी पथिक जी महाराज के परम शिष्य हरिद्वार से पधारे स्वामी सुबोध आनंद जी महाराज ने असरगंज भागलपुर बिहार में संत पथिक जन्मोत्सव के अवसर पर आयोजित श्रीमद् भागवत कथा ज्ञान यज्ञ के दूसरे दिन सोमवार को श्रोताओं से कहीं। स्वामी जी ने बताया_ विषयों में लगा मन बंधन का तथा परमात्मा में लगा मन मुक्ति का साधन है।
बुद्धिमान मनुष्य को चाहिए वह बचपन से ही ईश्वर की भक्ति और उपासना में लग जाए क्योंकि जीवन क्षणभंगुर और नाशवान है। कब किसकी मृत्यु हो जाए, यह कोई नहीं जानता है।
स्वामी जी महाराज ने कहा_मन को ईश्वर में लगाने का सबसे सरल साधन है भगवान की लीला कथा का श्रवण करना तथा श्रद्धा विश्वास पूर्वक भगवान के नाम अथवा मंत्र का जप करना। भगवान के नाम जप से बड़े से बड़े पापों का नाश होता है तथा भगवत धाम की प्राप्ति होती है। उन्होंने अजामिल नामक पतित ब्राह्मण की कथा सुना कर भगवान के नाम जप की महिमा का विस्तार से वर्णन किया। कथा स्थल पर आसपास के क्षेत्र के लोग खासकर महिलाएं और युवतियां उपस्थित हो रही है। प्रवचन भजन से आसपास का वातावरण भक्ति में बन रहा है।