अररिया: सड़क निर्माण नहीं होने से ग्रामीणों में आक्रोश,आंदोलन की चेतावनी

Rakesh Gupta

 

 

बिहार न्यूज़ लाईव अररिया डेस्क: प्रतिनिधि,भरगामा.

भरगामा. हर कोई चाहता है की उसकी शादी हो,लेकिन अररिया जिले के भरगामा प्रखंड इलाके के सिमरबनी पंचायत के छर्रापट्टी गांव में पक्की रास्ता नहीं होने के चलते युवाओं का शादी-विवाह नहीं हो रहा है. देश की आजादी के बाद से हीं यहां रास्ता तो है,लेकिन कच्चा है,जिसमें हमेशा पानी और कीचड़ जमा रहता है. इस रास्ते से दर्जनों गांव के हजारों लोग जुड़े हुए हैं,लेकिन फिर भी जनप्रतिनिधि एवं स्थानीय प्रशासन के द्वारा अब तक इस कच्ची सड़क को पक्की निर्माण कार्य नहीं करवाया गया है. ग्रामीण गर्मी और सर्दी में तो जैसे-तैसे इस रास्ते से निकल जाते हैं,लेकिन बारिश के मौसम में तो हाल-बेहाल हो जाता है. जब भी कोई रिस्तेदार इस गांव में शादी के लिए संपर्क करने आता है तो रास्ता को देखकर के हीं वापस लौट जाता है. बताते चलें कि सिमरबनी पंचायत के पोस्ट ऑफिस चौक से शर्मा टोला होते हुए छर्रापट्टी होकर कुसमौल पंचायत के मेन रोड में मिलने वाली सड़क के किनारे बसे ग्रामीण किरण कुमारी,रविंद्र मंडल,दिनबंधु मंडल,रामप्रवेश मंडल,मिस्टर कुमार,रोशन कुमार,विवेक कुमार,परमानंद ठाकुर,विनोद यादव,मिथुन कुमार,जयकुमार,मोगल ऋषिदेव आदि बताते हैं कि इस सड़क की हालात बद से बदतर है. आजादी के 78 वर्ष बीत जाने के बाद भी इस गांव में पक्की सड़क नहीं बनी है. ऐसे में सड़क बदहाली के कारण स्कूली बच्चे व ग्रामीण को आने-जाने में काफी परेशानी होती है. गांव में चार पहिया वाहन आने-जाने के लिए कोई व्यवस्था नहीं है. आपातकालीन स्थिति में एंबुलेंस व फायर ब्रिगेड की गाड़ियां भी इस गांव तक नहीं पहुंच सकती है ऐसे में आपातकालीन स्थिति के दौरान लोगों को चारपायी पर लादकर गांव के बाहर मुख्य मार्ग तक लाना पड़ता है. लोगों ने बताया कि सिमरबनी पंचायत के पोस्ट ऑफिस चौक से कुसमौल तक लगभग 10 किलोमीटर कच्ची सड़क मार्ग है. जहां प्रतिवर्ष बरसात के समय में कीचड़ होने के चलते गांव के लोगों की दिनचर्या थम सी जाती है. बताया गया कि अनगिनत बार बीडीओ,एसडीओ,डीएम,विधायक,सांसद,मुख्यमंत्री सहित सभी बड़े-बड़े अधिकारी का दरवाजा खटखटाया गया है,लेकिन उनकी मांग आज तक पूरी नहीं हुई है और समस्या यथावत है.

 

जानकार बताते हैं कि उक्त सड़क का मुख्यमंत्री ग्राम संपर्क योजना के तहत वर्ष 2020 में तत्कालीन विधायक अनिल कुमार यादव के द्वारा शिलान्यास किया गया था,लेकिन फिर भी उक्त सड़क का पक्कीकरण कार्य प्रारंभ नही होने के कारण वर्ष 2022 में स्थानीय ग्रामीण विमल मंडल ने सरयू नदी के तट पर अपना दाहिना हाथ का पंजा काट लिया था. इसके बाद इस सड़क का पक्की निर्माण कार्य के लिए स्थानीय जिला पार्षद किरण देवी ने डीएम को एक मांग पत्र के माध्यम से वर्ष 2023 के अक्टूबर माह में दो दिनों का अल्टीमेटम देते हुए कहा था कि अगर दो दिनों के अंदर उक्त सड़क का निर्माण कार्य शुरू नहीं हुआ तो धरना प्रदर्शन किया जायेगा,फिर भी उक्त सड़क का निर्माण कार्य प्रारंभ नहीं हो पाया. प्राप्त जानकारी के अनुसार इस सड़क निर्माण के लिए बीते 2020 के विधानसभा चुनाव एवं 2024 के लोकसभा चुनाव में सैकड़ों ग्रामीणों ने डीएम को लिखित आवेदन देकर जनप्रतिनिधि एवं जिला प्रशासन के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया था और वोट भी बहिष्कार कर दिया था,लेकिन फिर अधिकारियों की अपील पर सभी ग्रामीण वोट डालने के लिये राजी हो गए,परन्तु प्रशासन व जनप्रतिनिधि ग्रामीणों को आश्वासन देकर मौन हो गए.

 

जिसके कारण स्थानीय ग्रामीणों में जनप्रतिनिधि व प्रशासन के खिलाफ आक्रोश व्याप्त है. ग्रामीणों का कहना है कि जनप्रतिनिधि व प्रशासन हमलोगों को केवल वोट के समय में इस्तेमाल करते हैं. वहीं सामाजिक कार्यकर्ता पिंटू यादव का कहना है कि फिलहाल उक्त सड़क पर जलजमाव होने के कारण तीन-चार फीट कीचड़ भर गया है. कहा कि इस रास्ते से अभी सवारियों की बात तो दूर पैदल चलना भी मुश्किल हो गया है. बताया कि इस सड़क निर्माण के खातिर स्थानीय ग्रामीणों ने कई बार चरणबद्ध आंदोलन भी किया है. बावजूद,इस सड़क के निर्माण के लिए कोई सकारात्मक पहल नहीं हो सका है. कहा कि इस सुदूर देहाती पंचायत के विकास के प्रति शासन-प्रशासन पूरी तरह असंवेदित है. गत वर्ष बौखलाये सैकड़ों लोगों ने सड़क पर हीं धान रोपनी कर विरोध जताया था.

 

विरोध प्रदर्शन कर रहे लोगों का कहना था कि इस सड़क के निर्माण को लेकर स्थानीय विधायक और सांसद से वे लोग गुहार लगाकर थक चुके हैं,किंतु कोई सुनने को तैयार नहीं है. वहीं समाजसेवी आशीष मंडल का कहना है कि सड़क पर तीन-चार फीट कींचड़ होना सामान्य बात है,जिसके कारण आवागमन बाधित रहता है. आपातकालीन स्थिति में मरीज के लिए खाट हीं सहारा है. इस आधुनिक जमाने में भी मरीज ससमय अस्पताल नही पहुंच पाते,रास्ते में हीं दम तोड़ देते इससे बड़ी दुर्भाग्य की बात और क्या हो सकती है..? बताया कि अब इस मुद्दे पर ग्रामीणों का आक्रोश बढ़ने लगा है. इधर,इस बाबत पूछे जाने पर बीडीओ शशि भूषण सुमन ने बताया कि उक्त सड़क को पक्कीकरण करवाना उनके अस्तर से कतई संभव नहीं है.

 

 

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