श्री हनुमान चालीसा पाठ से शुभारंभ हुआ सद्गुरुदेव पूण्य स्मृति महोत्सव
बिहार न्यूज लाईव/ बक्सर। श्री नेहनिधि नारायण दास भक्तमालि मामा जी महाराज की पुण्य स्मृति महोत्सव के 15वें वर्ष कमरपुर में शनिवार की सुबह शुभारंभ हो गई। प्रथम दिन सुबह श्री हनुमान चालिसा का सामूहिक अखण्ड पाठ व दोपहर में भक्तमाल के सामूहिक पाठ के साथ शुभारंभ हुआ। गुरुदेव मामा जी के प्रथम कृपा पात्र शिष्य श्री रामचरित्र दास जी महाराज ने श्री हनुमान चालीसा पाठ से कार्यक्रम की शुरूआत की। अयोध्या धाम से पधारे श्री राम कथा के सरस व सुमधुर व्यास आचार्य महन्थ श्री नरहरि दास जी महाराज ने श्री राम अवतार के कारणों को विस्तार से सुनाया। श्रीराम कथा से पहले व्यास पूजन श्री रामचरित्र दास जी महाराज के द्वारा किया।
श्री राम कथा सुनाते हुए आचार्य श्री नरहरि दास जी कहा कि श्रीजी करुणा मई हैं। हमेशा आद्र रहती है। वही प्रभु श्रीराम करुण निधान हैं। आगे कथा सुनाते हुए आगे कहा कि अशोक वाटिका में सिया जी अशोक वृक्ष के नीचे बैठी हुई है और लंका के राक्षक, रक्षिका उन्हें मारने काटने की धमकी दे रही है। यह दृश्य हनुमान जी देख रहे हैं। जब राक्षक वहां से चले गए। तब हनुमान जी नीचे उतरे और माता सीता से कहे कि माता हम श्री राम जी दूत हैं और हमें आज्ञा दीजिये जो राक्षस आपको मारने काटने की बात कह रही है, उन सभी को मूली गाजर के सामान तुरन्त खण्ड खण्ड कर दूँ। यह बात सुन कर माता सीता सुन हनुमान जी से कही अगर अपराध का दंड मारना हैं तो यह दण्ड पहले हमें दो हनुमान। हनुमान जी ने कहे माँ आप यह क्या कह रही है।आप अपराध क्या किया है। तब किशोरी जी ने कहा जब मारिज हिरन बन कर आया और श्री राम जी से सोने का हिरण देख उसे पकड़ने की बात कही। श्री राम ने उसे पकड़ने के लिए उसके पीछे लग जाते हैं और कुछ देर जाने के बाद श्रीराम जी ने हिरण पर तीर चला देते हैं तीर लगने के बाद मारीज ने जोर जोर से श्रीराम जी के आवाज में बचाने का आवाज देने लगा। इसके बाद हमने लक्ष्मण को खोरी खोटी सुनाकर उसे भेजा। लक्ष्मण के जाने के बाद रावण भेस बदलकर आया और भिक्षा मांगने लगा। इसके बाद मेरे साथ क्षल हो गया। मुझे आभास हुआ इसमें लक्ष्मन कि कोई गलती नही थी। हमने लक्षमण को बिदा कर के बड़ा अपराध किया।
हनुमान अपराध अगर दंड मारना हैं तो पहले हमे मारे हमने बड़ा अपराध किया है। पाँच दिवसीय कार्यक्रम को लेकर पूरे गांव सजधज कर तैयार हो गया। गाँव समेत आसपास गांवो में भक्ति का माहौल बना गया है। वही, कथा सुनने आये भक्तो का कहना है कि इस कार्यक्रम में उपस्थित होकर अपने आप को बड़ा भाग्यशाली समझता हूं। इस तरह कार्यक्रम से भक्ति का प्रचार प्रसार के साथ आने वाले पीढ़ी को भी बेहतर शिक्षा के साथ संस्कार देगी।
कार्यक्रम में रविलाल, नीतीश सिंह, लालाजी, दीनदयाल, जयशंकर तिवारी, कुंदन पांडेय, शुक्ला जी, रघुनंदन, के.डी गुप्ता, मामा जी लाडली बेटी सिया जी, बिनीता दीदी समेत ग्रामीण भक्त उपस्थित रहे।
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