-जब कर्मयोगी कुमार बिहारी पांडेय का व्यक्तित्व और कृतित्व जीवंत हो उठा…..
-डॉक्टर आर के सिंह, शिक्षाविद् गणेश दत्त पाठक सहित अन्य हस्तियों को मिला कुमार बिहारी पांडेय स्मृति सम्मान
-निदेशक सतीश पांडेय ने कहा, पिता के मूल्य देते रहेंगे मार्गदर्शन
बिहार न्यूज़ लाइव डेस्क: दरौली,सीवान: दोन के जे आर कॉन्वेंट परिसर स्कूल के संस्थापक चेयरमैन कर्मयोगी कुमार बिहारी पांडेय की 87वीं जयंती मनाई गई। जिसमें आगत अतिथियों द्वारा जहां अपने भावपूर्ण उद्बोधन से कर्मयोगी के पावन स्मृति को नमन किया, वहीं स्कूल के बच्चों ने शानदार सांस्कृतिक प्रस्तुति देकर ‘ एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ की संकल्पना को मंच पर साकार कर डाला। अंतराष्ट्रीय महिला दिवस के संदर्भ में स्कूल की शिक्षिकाओं को उपहार मिले तो होली गीत और गुलाल के तिलक के साथ होली मिलन समारोह भी संपन्न किया गया। जिस तरह के बहुआयामी व्यक्तित्व के थे कर्मयोगी कुमार बिहारी पांडेय, वैसे ही बहुआयामी अंदाज में उनकी 87वीं जयंती भी मनाई गई।
कर्मयोगी कुमार बिहारी पांडेय स्मृति सम्मान समारोह की शुरुआत दीप प्रज्जवलन और अतिथियों को स्वागत गीत से किया गया। इसके बाद अतिथियों के उद्बोधन और रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति की युगलबन्दी ने उपस्थित दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया।
जिले के कई प्रतिष्ठित हस्तियों को कर्मयोगी कुमार बिहारी पांडेय स्मृति सम्मान से नवाजा गया। जिसमें दरौली के अंचलाधिकारी अरविंद प्रसाद सिंह, डॉक्टर आर के सिंह, पूर्व बीडीओ वर्तमान में सचिव अजय द्विवेदी, शिक्षाविद सह पाठक आईएएस संस्थान के निदेशक गणेश दत्त पाठक, डॉक्टर रविकांत सिंह, शिक्षाविद् पुष्पेंद्र पाठक, रानी लक्ष्मी बाई स्पोर्ट्स एकेडमी के निदेशक संजय पाठक, पत्रकार अतुल कुमार श्रीवास्तव, डॉक्टर राकेश तिवारी, राजेश पांडेय शामिल रहे। स्मृति सम्मान निदेशक सतीश पांडेय द्वारा प्रदान किया गया। सम्मान समारोह में अतिथियों को कर्मयोगी कुमार बिहारी पांडेय द्वारा लिखित पुस्तक ‘ अनुभवों का आकाश’, मोमेंटो और अंगवस्त्र प्रदान किया गया।
अतिथियों ने अपने उद्बोधन से कर्मयोगी कुमार बिहारी पांडेय के व्यक्तित्व और कृतित्व के पावन स्मृति को जीवंत कर डाला। पूर्व बीडीओ अजय द्विवेदी ने कहा कि एक बेहद पिछड़े क्षेत्र के बच्चे अगर इतनी शानदार इंग्लिश बोल रहे हैं तो कर्मयोगी कुमार बिहारी पांडेय के लिए इससे बेहतर श्रद्धांजलि नहीं हो सकती है। डॉक्टर आर के सिंह ने कहा कि कर्मयोगी कुमार बिहारी पांडेय हमारे लिए अपार ऊर्जा के स्रोत रहे हैं। शिक्षाविद् गणेश दत्त पाठक ने कहा कि कर्म की पूजा, हुनर को सम्मान और प्रकृति के प्रति प्रेम ही हो सकती है कर्मयोगी कुमार बिहारी पांडेय के प्रति सच्ची श्रद्धांजलि।
शिक्षाविद् पुष्पेंद्र पाठक ने कहा कि कर्मयोगी कुमार बिहारी पांडेय शौर्य, सहनशीलता, सद्भाव, संतुलन, संवेदना, संचेतना, समन्वय, समयबोध के प्रतीक थे। निदेशक सतीश पांडेय ने कहा कि पिता जी के संदेश हमारा मार्गदर्शन करते रहेंगे। पत्रकार राजेश पांडेय ने कह कि कर्मयोगी कुमार बिहारी पांडेय का व्यक्तित्व हमें सदियों तक प्रेरित और ऊर्जस्वित करता रहेगा।
स्मृति सम्मान समारोह में स्कूल के बच्चों ने शानदार रंगारंग कार्यक्रम पेश कर अपने मानद चेयरमैन को श्रद्धा सुमन अर्पित किया। छोटे छोटे बच्चों ने आकर्षक कश्मीरी नृत्य, पंजाबी भांगड़ा, भरतनाट्यम, आसामी बिहू आदि पेश कर जहां भरपूर उमंग और उत्साह का प्रदर्शन किया वहीं एक भारत श्रेष्ठ भारत की संकल्पना को साकार भी किया।
इस अवसर पर पत्रकार अतुल श्रीवास्तव द्वारा स्कूल के महिला शिक्षकों को उपहार देकर सम्मानित भी किया। स्कूल के बच्चों को भी विभिन्न स्पर्धाओं में भाग लेने पर सम्मानित भी किया गया।
कार्यक्रम के अंत में अतिथियों को गुलाल लगाकर होली की शुभकामनाएं भी दी गई तो मंच से स्कूली बच्चों ने अंग्रेजी और हिंदी में फाग गायन कर मंत्रमुग्ध कर दिया। कार्यक्रम का संचालन हितेश तिवारी ने किया। आभार ज्ञापन प्राचार्य अभिजीत चक्रवर्ती ने किया। इस अवसर पर अनीश पांडेय, रमैया सिंह, आदित्यनाथ द्विवेदी आदि भी उपस्थित रहे। राष्ट्रगान के साथ कार्यक्रम का तो समापन हो गया लेकिन कर्मयोगी कुमार बिहारी पांडेय का व्यक्तित्व और कृतित्व जीवंत होता दिखा।
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