Bihar News Live
News, Politics, Crime, Read latest news from Bihar

सुल्तानगंज: तपती धूप हो या छांव शिव भक्तों के नहीं रुक रहे पाँव,…

489

- sponsored -

 

तपती धूप हो या छांव शिव भक्तों के नहीं रुक रहे पाँव,

श्रावण की चौथी सोमवारी को उमड़ी शिव भक्तों की भीड़,

हजारों काँवरिया चौथी सोमवारी को जल भरकर रवाना हुए बाबा धाम

बिहार न्यूज़ लाइव सुल्तानगंज डेस्क:  एसबी संवाददाता सुल्तानगंज:: मोहित कुमार

सावन की शुरुआत चार जुलाई से हुई तकरीबन अब सावन के एक माह बीतने को है। मलमास में भी कावड़िया के आने का सिलसिला नहीं थमा है। लगातार अनव्रत रैला कावड़ियों का सुल्तानगंज पहुंच रहा है। खासकर बाहर से आने वाले कांवरियों के हुजूम हर सोमवारी को देखने को मिल रही है।

 

- Sponsored -

सावन के चौथे सोमवारी को भी पूरा अजगैवीनगरी सहित कांवरिया पथ केसरियामय हो गया है।काँवर के झुनझुन सी आबाज एवं अगरबत्ती के सुगंध से पूरा क्षेत्र मंत्रमुग्ध हो गया।

 

वही सावन की चौथी सोमवारी को लेकर रविवार रात से ही शिव भक्तों की भीड़ उमड़ती रही। आने जाने वाले ट्रेन से कंवरिया के भीड़ देर रात तक उतरकर उत्तरवाहिनी गंगा घाटों की ओर जाते दिखे।वहीं चौथी सोमवारी को लेकर अहले सुबह से ही कावड़िया जल भरकर बाबा धाम की ओर रवाना होते रहे। हर हर महादेव की गूंज से पूरा क्षेत्र गुंजायमान होता रहा। वही कांवरिया पथ पूरी तरह केसरिया में हो गया है जहां एकता एवं समरसता का भाव दर्शा रही है।यदि अनेकता में एकता की बेजोड़ मिसाल देखनी हो। सुल्तानगंज से देवघर के बीच कांवड़िया पथ पर देखने को मिल रहा है।

 

सभी गेरुआ रंग में रंगे और सभी की जुबां पर बोल बम के जयकारे के सिवा दूसरे शब्द नहीं है। धूप की तपिश के बावजूद इस रास्ते पर दिक्कतों की कोई परवाह के बिना लगातार शिव भक्तों बाबाधाम पहुंचने की होड़ लगी हैं। सावन की चौथी सोमवारी को लेकर भागलपुर से चलकर आए रॉकी डीएसएलआर नामक एक फोटोग्राफर का ग्रुप नमामि गंगे घाट से जल भरकर अहले सुबह बाबा धाम की ओर रवाना हुए

 

उन्होंने बताया कि हम लोग सभी फोटोग्राफर ग्रुप जल भरकर बाबा से विश्व के कल्याण एवं शांति के लिए मन्नत मांगने बाबा धाम जा रहे हैं ग्रुप में साथ चल रहे मेहुल, नितेश आदि ने बताया कि बाबा कि सच्चे दिल से जो पूजा अर्चना करते हैं बाबा उनकी मन्नत पूरी करते हैं। इसलिए हम लोग भी अपने मन्नत पूरी होने पर बाबा को जल अर्पित करने जा रहे हैं। बच्चे, बूढ़े, जवान और महिलाएं कंधे पर कांवड़ ले पैरों में पड़े छालों की परवाह किए बगैर लगातार चल रहे है। जैसे मानों इन्हें कोई तकलीफ ही न हो।

 

रास्ते में इनके लिए बने उपचार केंद्र इनकी मरहम पट्टी करते हैं। फिर भी ये कांवड़िए अपना हौसला नहीं हारते। धनवान हों या गरीब, रास्ते में सब एक जैसे हैं। यूं कहा जाए तो विश्व का सबसे लंबा चलने वाला विश्व प्रसिद्ध श्रावणी मेला में अनेकता में एकता का यह नायाब नमूना देखने को मिलता हैं।अनवरत चलने वाले इस मेले की यही खासियत है। यहां रात-दिन का फर्क ही नहीं होता। आपसी भेदभाव भी ख़त्म हो जाता है।

फ़ोटो:: नमामि गंगा घाट से जलभरकर बाबा धाम रवाना होते युवाओं की टोली

 

 

- Sponsored -

Get real time updates directly on you device, subscribe now.

- sponsored -

- sponsored -

Comments are closed.

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More