Bihar News Live
News, Politics, Crime, Read latest news from Bihar

अंतिम श्वास तक काशी विश्वेश्वर की मुक्ति के लिए लडेंगे, याचिका पीछे लेने की अफवाहों पर विश्वास न रखें !

420

- sponsored -

 

अंतिम श्वास तक काशी विश्वेश्वर की मुक्ति के लिए लडेंगे, याचिका पीछे लेने की अफवाहों पर विश्वास न रखें ! 

बिहार न्यूज़ लाइव पटना डेस्क

- Sponsored -

उत्तरप्रदेश की काशी स्थित ज्ञानवापी मस्जिद में 16 मई 2022 को शिवलिंग मिला हैतब से हम निरंतर उसकी मुक्ति के लिए संघर्ष कर रहे हैं । इस संघर्ष में मुसलमान पक्षकार सफल नहीं होंगेयह ज्ञात होने के कारण वे इस याचिका के संदर्भ में बाधाएं उत्पन्न करने का कार्य कर रहे हैं तथा कुछ लोगों के माध्यम से याचिका पीछे लेने की अफवाह फैला रहे हैं । प्रत्यक्ष में हमने कोई याचिका पीछे नहीं ली है और मैं सबको विश्वास देता हूं किजीवन के अंतिम श्वास तक श्री काशी विश्वेश्वर की मुक्ति के लिए हम लडते रहेंगे । काशी विश्वेश्वर मंदिर के परिसर में स्थित श्री श्रृंगारगौरी देवीहनुमानश्रीगणेश आदि देवताओं की पूजा करने का अधिकार मिलेइसके लिए हम संघर्ष कर रहे हैं । काशी विश्वेश्वर की मुक्ति होगीतब देश अखंड हिन्दू राष्ट्र बनेगा । काशी विश्वेश्वर की मुक्ति का बडा लक्ष्य रखकर हम मार्गक्रमण कर रहे हैं । इसके लिए सर्व हिन्दू संगठित होकर इस संपूर्ण परिसर के सर्वेक्षण की मांग करते रहेंऐसा आवाहन ‘हिन्दू फ्रंट फॉर जस्टिस’ के प्रवक्ता एवं सर्वाेच्च न्यायालय के अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन ने किया । वे ‘श्रीरामनाथ देवस्थान’फोंडागोवा के ‘वैश्विक हिन्दू राष्ट्र महोत्सव’ के दूसरे दिन ‘मंदिर मुक्ति अभियान’ इस सत्र में बोल रहे थे ।

इस अवसर पर अधिवक्ता नीलेश सांगोलकर ने कोल्हापुर स्थित श्री महालक्ष्मीदेवी मंदिर की श्री महालक्ष्मी की मूर्ति के संबंध में वर्तमान स्थिति तथा कर्नाटक के सहकार संजीवनी चिकित्सालय के डॉएनरमेश हासन ने चन्नकेश्वर मंदिर में कुरान पढने के विरुद्ध किए सफल संघर्ष की जानकारी दी । आंध्रप्रदेश की हिन्दू उपाध्याय समिति के संस्थापक अध्यक्ष महेश डेगला ने भी मनोगत व्यक्त किए ।

गंगानदी में रोगमुक्त करने की क्षमता होने के कारण गंगाजल पर अधिक शोध होना आवश्यक ! – अधिवक्ता अरुण गुप्ता, इलाहाबाद उच्च न्यायालय

 

      गंगा नदी में प्राणवायु का स्तर सर्वाधिक है तथा नदी में ‘बेक्टीरिया फॉस’ नामक जीषाणु होता है । इसलिए गंगाजल खराब नहीं होता । कोरोनाकाल में गंगा नदी के किनारे स्थित शहरों में कोरोना के रोगी अन्य शहरों की तुलना में कम दिखाई दिए तथा ठीक होनेवालों की संख्या भी अधिक दिखाई दी है । केवल कोरोना ही नहींअपितु अन्य बीमारियां भी गंगानदी के जल से ठीक हो सकती हैं । इसलिए ऐसे गंगाजल पर अधिक शोध होना आवश्यक है । इस अधिवेशन का सीधा प्रसारण हिन्दू जनजागृति समिति के जालस्थल HinduJagruti.org द्वारा तथा ‘HinduJagruti’ इस ‘यूट्यूब’ चैनल द्वारा भी किया जा रहा है । 

- Sponsored -

Get real time updates directly on you device, subscribe now.

- sponsored -

- sponsored -

Comments are closed.

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More