सारण: प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय छपरा शाखा की ओर से महाशिवरात्रि महापर्व के अवसर पर शहर में निकाली गई भव्य चैतन्य शोभायात्रा:

Rakesh Gupta
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बिहार न्यूज़ लाइव सारण डेस्क नगर निगम की उप महापौर एवं केन्द्र संचालिका के द्वारा संयुक्त रूप से शिव बाबा का ध्वज एवं हरी झंडी दिखाकर किया गया कार्यक्रम का शुभारंभ:

चैतन्य शोभायात्रा आध्यात्मिक चेतना, नारी सशक्तिकरण और शांति का देता है संदेश: उप महापौर

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खुशहाल जीवन के लिए अपने विचारों और व्यवहारो में करना होगा बदलाव: बीके अनामिका दीदी

 

छपरा, 03 मार्च।
प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय छपरा शाखा की ओर से महाशिवरात्रि महापर्व के अवसर पर रविवार को छपरा शहर में भव्य शोभायात्रा का आयोजन किया गया। जिसमें ब्रह्माकुमारी सेवा केंद्र से जुड़े सैकड़ों भाई- बहन अपने हाथों में कलश और शिव बाबा का ध्वज लिए यात्रा में शामिल हुए। इस शोभायात्रा में शक्तिपुंज शिवलिंग, भारत माता, रथ पर सवार लक्ष्मी नारायण एवं राम सीता की झांकी आकर्षण का केन्द्र रहा। जिसका विधिवत शुभारंभ छपरा नगर निगम की उप महापौर रागिनी कुमारी एवं राजयोग केन्द्र की संचालिका बीके अनामिका दीदी के द्वारा संयुक्त रूप से शिव बाबा का पूजन और नारियल फोड़ने के बाद शिव बाबा का ध्वज एवं हरी झंडी दिखाकर किया गया। शोभायात्रा छपरा शहर के गुदरी राय के चौक स्थित राजयोग सह सेवा केंद्र से निकलकर शहर के निचले मार्ग के कटरा, बहुरियाकोठी, एसडीएस कॉलेज, अस्पताल चौक, डाक बंगला पथ होते हुए रामराज्य चौक, नारायण चौक, थाना चौक, साहेबगंज, कटहरी बाग से मेवालाल चौक, मौना चौक होते हुए नगरपालिका चौक, बस स्टैंड, दरोगा राय चौक, भरत मिलाप चौक होते हुए भगवानबाजार थाना रोड से वापस केंद्र पर आकर समाप्त हुआ।
इस अवसर पर सामाजिक कार्यकर्ता धर्मनाथ पिंटू, डॉ बृजभूषण, वरीय पत्रकार धर्मेंद्र रस्तोगी, रंजीत भोजपुरिया, प्रिंस कुमार, बीके प्रियांशु बहन, भाई अविनाश, भाई सचिन, भाई प्रशांत, सहित कई अन्य गणमान्य लोग शामिल हुए।

चैतन्य शोभायात्रा आध्यात्मिक चेतना, नारी सशक्तिकरण और शांति का देता है संदेश: उप महापौर
इस दौरान उपमहापौर रागिनी कुमारी ने कहा कि प्रजापिता ब्रह्मकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय के स्थानीय इकाई छपरा के द्वारा महाशिवरात्रि के अवसर पर प्रत्येक वर्ष निकलने वाला शिव बारात सह चैतन्य शोभायात्रा छपरा शहर ही नही बल्कि राज्य और देश के लिए आध्यात्मिक चेतना, नारी सशक्तिकरण और शांति का संदेश देने वाला है। कहा भी गया है कि निराकार परमात्मा शिव को याद करने से जीवन को मुक्ति मिलती है। वहीं शिवरात्रि का यह त्यौहार अज्ञान के अंधकार की रात्रि को समाप्त कर ज्ञान का प्रकाश लाने वाला यादगार पर्व है। जिस कारण हम सभी को इस पावन पर्व के अवसर पर अपने मन के अंदर और समाज में फैली कुरीतियों को दूर करने का संकल्प लेना चाहिए।

खुशहाल जीवन के लिए अपने विचारों और व्यवहारो में करना होगा बदलाव: बीके अनामिका दीदी
शिवरात्रि में रात्रि शब्द अज्ञानता, विकार वृति, दुख, अशांति और पाप को कहा गया है। ऐसे वक्त में शिव पिता परमात्मा के दिव्य अवतरण से शिवरात्रि की महिमा पूरे विश्व में प्रचलित है। शिव बाबा का संदेश देते हुए राजयोग केंद्र की संचालिका ब्रह्माकुमारी अनामिका दीदी ने बताया कि जीवन खुशहाल जिंदगी का नाम है। अगर हम खुशहाल जीवन जीना चाहते हैं तो अपने जीवन के विचारों को अपने व्यवहार एवं दृष्टिकोण को बदलने के साथ जीवन में आने वाली चुनौतियों को समझना एवं उनके प्रति अपनी भावनाओं को सकारात्मक बनाने की जरूरत है। इसमें कोई भी व्यक्ति दोषी नहीं है, बल्कि दोषी उसका व्यक्तिगत दृष्टिकोण है। जो कहीं न कहीं हमारे जीवन में दुख का कारण बनता है।

इस दौरान शहर के विभिन्न चौक चौराहों सहित शोभायात्रा के मार्ग में स्थानीय प्रशासन के द्वारा यातायात व्यवस्था को लेकर भगवान बाजार एवं नगर थाना के पुलिसकर्मियों की तैनाती की गई थी। वही रामराज्य चौक पर संस्था से जुड़े बीके बंटी कुमार के द्वारा जबकि मौना पकड़ी के समीप अन्य सेवको द्वारा अल्पाहार एवं प्याऊ की व्यवस्था की गई थी। इस शोभायात्रा में शिवरात्रि के आध्यात्मिक रहस्य को समझाते हुए गीत- संगीत के माध्यम से जीवन में सुख- शांति कैसे प्राप्त हो, इस पर आधारित सचित्र प्रदर्शनी के साथ और केंद्र के क्रियाकलाप से संबंधित हैंडविल बांट कर लोगों को जागरूक किया गया। कार्यक्रम के आयोजन में ब्रह्माकुमारी सेवा केंद्र से जुड़ी बीके भाई प्रिंस भाई, विष्णुपुरा से बीके निर्मला, मढ़ौरा से बीके आराधना, एकमा बीके कामलवती, जगदीशपुर से बीके मोनी, दिघवारा से बीके गौरी, पिरारी से बीके रीता, सोनपुर से बीके शालिनी, जलालपुर से बीके वीणा, सोनहो से बीके पार्वती, गरखा से भाई अनेश, मोतीराजपुर से भाई गणेश, भेल्दी अमनौर से भाई शेखर, फतेहपुर से बीके पानपती, भाई अशोक जी, भाई प्रभुनाथ जी, मशरक से बीके पुनम, कश्मीरी हाता से बीके धर्मशिला सहित कई अन्य भाई- बहनों का सहयोग सराहनीय रहा।

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