मेले ग्रामीण जीवन, पशुपालन और कृषि संस्कृति का प्रतीक
(हरिप्रसाद शर्मा) पुष्कर/अजमेर :केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण राज्य मंत्री तथा स्थानीय अजमेर सांसद भागीरथ चौधरी ने बुधवार को विश्वप्रसिद्ध पुष्कर पशु एवं सांस्कृतिक मेले के समापन समारोह बोलते हुए कहा कि पांच दिवसीय मेला राजस्थान की समृद्ध लोक परंपराओं, पशुपालन, कृषि संस्कृति और हस्तशिल्प की अनूठी झलक प्रस्तुत करता है।
मेला हमारी संस्कृति और परंपरा का जीवंत प्रतीक
चौधरी ने कहा कि पुष्कर मेला केवल एक आयोजन नहीं, बल्कि यह हमारे ग्रामीण जीवन, पशुपालन और कृषि संस्कृति का प्रतीक है। यह मेला राजस्थान की लोक परंपराओं, कला और हस्तशिल्प को वैश्विक स्तर पर पहचान दिलाने का माध्यम बना है। चौधरी ने कहा कि यह मेला राजस्थान की अमूल्य धरोहर है, जो किसानों, पशुपालकों और स्थानीय कलाकारों के जीवन में नई ऊर्जा भरता है। उन्होंने उपस्थित जनसमूह से आह्वान किया कि आइए, हम सब मिलकर इस गौरवशाली परंपरा को और सशक्त बनाएं, स्थानीय उत्पादों को अपनाएं और पशुपालन को प्रोत्साहित करें। यही हमारी ग्रामीण अर्थव्यवस्था की सच्ची शक्ति है।
सफल आयोजन के लिए केंद्रीय मंत्री ने की सराहना
समापन समारोह में राजस्थान सरकार के कैबिनेट मंत्री सुरेश सिंह रावत, जिला कलेक्टर लोकबंधु, पुष्कर नगर परिषद निवर्तमान सभापति कमल पाठक , सामाजिक कार्यकर्ता अरूण पाराशर , जगदीश कुर्डिया,कैलाश नाथ दाधीच सहित स्थानीय जनप्रतिनिधि, गणमान्य नागरिक तथा देश-विदेश से आए मेलार्थी बड़ी संख्या में उपस्थित रहे। सभी की सहभागिता ने इस आयोजन की गरिमा को और भी बढ़ा दिया। चौधरी ने आयोजन समिति, प्रशासन एवं स्थानीय नागरिकों की सराहना करते हुए कहा कि उनके सहयोग से यह मेला विश्व स्तर पर पहचान बनाए हुए है और राजस्थान की सांस्कृतिक विरासत को आगे बढ़ा रहा है।
