पुष्कर की होनहार बेटी अंकिता पाराशर ने रचा इतिहास,राजस्थान RAS परीक्षा में हासिल किया दूसरा स्थान

Rakesh Gupta
- Sponsored Ads-

*पुष्कर की होनहार बेटी अंकिता पाराशर ने रचा इतिहास**राजस्थान RAS परीक्षा में हासिल किया दूसरा स्थान

(हरिप्रसाद शर्मा) पुष्कर/ अजमेर:धार्मिक नगरी पुष्कर की प्रतिभाशाली बेटी अंकिता पाराशर ने राजस्थान प्रशासनिक सेवा (RAS) परीक्षा में राज्य में द्वितीय स्थान प्राप्त कर न केवल अपने परिवार बल्कि पूरे अजमेर जिले और पाराशर समाज का नाम रोशन किया है। परिणाम घोषित होते ही पुष्कर में जश्न का माहौल बन गया और अंकिता के घर पर बधाइयों का सिलसिला शुरू हो गया। परिजनों, मित्रों और पड़ोसियों ने मिठाइयां खिलाकर इस ऐतिहासिक उपलब्धि का जश्न मनाया।

- Sponsored Ads-

पिता के अधूरे सपने को किया साकार अंकिता के पिता सत्यनारायण पाराशर, जो आरएसएस से जुड़े थे और पुष्कर के हॉस्पिटल में कार्यरत थे, ने अपने जीवनकाल में सपना देखा था कि उनकी बेटी एक दिन प्रशासनिक अधिकारी बने। वर्ष 2006 में गंभीर बीमारी के चलते उनके निधन के बाद अंकिता ने अपने पिता के उस सपने को अपना जीवन लक्ष्य बना लिया। वर्षों की मेहनत, संघर्ष और दृढ़ निश्चय के बाद उन्होंने वह सपना साकार कर दिखाया। अंकिता ने बताया कि यह सफलता उन्होंने अपने पिता की प्रेरणा और परिवार के सहयोग से हासिल की है।

उन्होंने कहा कि यदि व्यक्ति सच्चे मन से प्रयास करे, तो कोई भी लक्ष्य असंभव नहीं होता। *परिवार का गर्व और भावनाओं का उत्सवअंकिता की मां मंजू देवी, पुष्कर की एक सरकारी स्कूल में अध्यापिका हैं, जबकि भाई विवेक पाराशर हॉस्पिटल में कार्यरत हैं। भाभी गृहिणी हैं और परिवार में एक छोटी बच्ची भी है।

पूरे परिवार ने अंकिता की इस कामयाबी पर गर्व जताते हुए कहा कि उन्होंने पुष्कर का मान बढ़ाया है और युवाओं के लिए नई प्रेरणा बनी हैं।*शिक्षिका से प्रशासनिक अधिकारी तक का सफरअंकिता ने अपने करियर की शुरुआत राजकीय बालिका सीनियर सेकेंडरी स्कूल, पुष्कर में शिक्षिका के रूप में की थी।

इसके बाद उन्होंने दूदू में विकास अधिकारी (BDO) के रूप में कार्य करते हुए प्रशासनिक अनुभव हासिल किया। अब वह राजस्थान प्रशासनिक सेवा अधिकारी के रूप में राज्य की सेवा करेंगी। *पुष्कर में खुशी की लहरअंकिता की सफलता से पुष्कर और पाराशर समाज में गर्व और उत्साह का माहौल है। समाज के वरिष्ठजन और युवाओं ने उन्हें नई पीढ़ी के लिए प्रेरणास्रोत बताया है। पुष्कर में जश्न और बधाइयों का सिलसिला दिनभर चलता रहा।

- Sponsored Ads-
Share This Article
Leave a Comment