अंकित सिंह,भरगामा (अररिया)
भरगामा प्रखंड क्षेत्र के कई हिस्सों में मोंथा तूफान का व्यापक असर देखा जा रहा है। चक्रवाती तूफान तथा बेमौसम बारिश से धान की फसल को जबरदस्त नुकसान पहुंचा है। तूफान के कारण बुधवार की रात से वर्षा हो रही है। जिसका असर धान की खड़ी फसलों पर हुआ है। बारिश और हवा के झोंकों से धान की फसल गिर गई है। किसानों का कहना है कि इस समय धान की फसल तैयार हो गया है। कई जगहों पर धान की कटाई भी हो चुकी है। फसल गिर जाने से दाना खराब होने के कगार पर आ चुका है।
फसल गिर जाने से कटनी में भी परेशानी होगी। बहुत से खेतों में अभी पानी जमा हुआ है,पानी में धान गिर जाने से धान की बालियां काली पड़ रही है,इससे नुकसान और अधिक हो जायेगा। किसान विशाल आर्यन ने बताया कि चार महीने की मेहनत से धान की फसल तैयार हुआ था। अंत समय में तूफानी वर्षा ने सारे मेहनत पर पानी फेर दिया है।
धान की फसलों के साथ सरसों और आलू की खेती पर भी असर हुआ है। इन दोनों आलू और सरसों की खेती के लिए खेत तैयारी के साथ बुआई का काम चल रहा है। वर्षा हो जाने से खेतों में नमी आ गई है। इससे सरसों की बुआई में देर होगी। बहुत जगह पर खेसारी और मसूर की बुआई कर दी गई थी। वर्षा होने से नुकसान होने की आशंका जताई जा रही है। कई इलाकों में कटी हुई धान की फसल खेत में हीं पानी में डूब गई,जिससे फसल के सड़ने का डर है।
किसानों को इस कारण भारी आर्थिक नुकसान का सामना करना पड़ रहा है और उनकी आजीविका पर संकट मंडरा गया है। वहीं किसान आशीष सोलंकी का कहना है कि पिछले चार दिनों से आसमान में बादल छाए हुए है। साथ हीं रह-रहकर बूंदा बांदी भी हो रही है। शनिवार को दिन में भी सड़कों पर अंधेरा छाया रहा।
तापमान में भी काफी कमी आई है,जिस कारण लोगों को ठंड का एहसास हो रहा है। किसान विजय सिंह यादव ने बताया कि धान की कटाई शुरू हीं की थी कि बारिश ने सारा काम रोक दिया। कटे हुए धान खेतों में पड़े भीग रहे हैं,जिससे दाने काले पड़ने लगे हैं। अब अगर धूप नहीं निकली तो पूरा मेहनताना डूब जाएगा।
