दिव्यांग क्रिकेट को नई दिशा दिखाने वाले रविकांत चौहान एक सच्चे लीडर ,हमें गर्व है कि मै उनके साथ कार्य कर रहा हु :मधुसूदन नायक
जयपुर : बीसीसीआई के ‘नमन अवार्ड्स’ की तर्ज पर, भारतीय दिव्यांग क्रिकेट परिषद (DCCI) ने गुरुवार को यहाँ अपना पहला “दिव्यम अवार्ड्स” समारोह भव्य रूप से आयोजित किया। इस ऐतिहासिक अवसर की गूंज पूरे क्रिकेट जगत में सुनाई दी।वही ,साउथ भारत के कॉर्डिनेटर मधुसूदन नायक को “दिव्यम अवार्ड्स 2025” में सर्वश्रेष्ठ कॉर्डिनेटर पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
आपको बताते चले कि साउथ भारत के कॉर्डिनेटर मधुसूदन नायक पिछले 35 वर्षों से दिव्यांग क्रीड़ा क्षेत्र में निरंतर कार्यरत हैं। उनके अथक प्रयत्नों और मार्गदर्शन से भारत को कई उत्कृष्ट खिलाड़ी प्राप्त हुए हैं। वही सर्वश्रेष्ठ कॉर्डिनेटर पुरस्कार से सम्मानित होने पर उन्होंने अपनी खुशी जाहिर करते हुए बताया कि अतीत में, हमारे अखंड भारत में शारीरिक विकलांगता से पीड़ित लोगों को क्रिप्पल्ड, डैफ एंड म्यूट, हैंडीकैप्ड, फिजिकली चैलेंज्ड जैसे शब्दों से संबोधित किया जाता था। लेकिन जब हमारे आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने देश का नेतृत्व संभाला, तब एक बड़ा परिवर्तन आया। उन्होंने आह्वान किया कि ऐसे शब्दों का प्रयोग न किया जाए और इनको सम्मान देने के लिए इन्हें “दिव्यांग” कहा जाए – जिसका अर्थ है दैवीय शक्तियों से संपन्न लोग। इस सकारात्मक सोच और परिवर्तन के लिए हम अपने आदरणीय प्रधानमंत्री के सदा आभारी रहेंगे।
इसी दृष्टिकोण के अनुरूप, भारत के पूर्व क्रिकेट कप्तान अजीत वाडेकर जी के मार्गदर्शन में दिव्यांग क्रिकेट एसोसिएशन की स्थापना हुई। दिव्यांग क्रिकेटर और खिलाड़ी कभी बड़े मंचों या विशेष सुविधाओं की माँग नहीं करते। उनका एक ही सपना रहा है – दूसरों की तरह समान अवसर मिले और उन्हें अपने प्रिय खेल को खेलने का हक़ मिले।
ऐसे ही एक अहम समय पर, दिव्यांग क्रिकेट को नई दिशा दिखाने वाले व्यक्तित्व रविकांत चौहान के रूप में सामने आए। उन्होंने निरंतर परिश्रम करते हुए दिव्यांग क्रिकेट में कई सार्थक बदलाव किए। उनका सपना रहा कि जैसे सामान्य खिलाड़ी पेशेवर स्तर पर क्रिकेट खेल सकते हैं, वैसे ही दिव्यांग खिलाड़ी भी समान अवसर और सम्मान प्राप्त करें।
उन्हें प्रेरणा मिली महिला क्रिकेट संघ की यात्रा से। 40 वर्षों के लंबे संघर्ष के बाद महिला क्रिकेट को BCCI से मान्यता मिली और राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अवसर प्रदान किए गए। उसी तरह दिव्यांग क्रिकेट को भी उस स्तर तक पहुँचाने का संकल्प डीसीसीआई के महासचिव रविकांत चौहान जी ने लिया है।हम मानते हैं कि इस लक्ष्य को पूरा करने में सक्षम सच्चे नेता वही हैं। 2021 से वे दिव्यांग क्रिकेट एसोसिएशन में अधिकारी के रूप में सेवाएँ दे रहे हैं। इस दायित्व के लिए हम BCCI के प्रति भी हृदय से आभार व्यक्त करते हैं।साल 2021 में एक ऐतिहासिक पल आया, जब आदरणीय ICC सचिव श्री जय शाह जी ने “डिफरेंट लेबल क्रिकेट कमेटी” के अंतर्गत चार श्रेणियों में दिव्यांग क्रिकेट को सम्मिलित किया। यह एक ऐतिहासिक और समावेशी निर्णय था।
दिव्यांग क्रिकेट को देश के हर कोने तक ले जाने के उद्देश्य से, हम गर्व के साथ रविकांत चौहान जी द्वारा दिखाए मार्ग पर आगे बढ़ रहे हैं। भविष्य में दिव्यांग क्रिकेट को सफलता की ऊँचाइयों तक ले जाने की हम सब पक्की प्रतिज्ञा करते हैं।