श्री मां शारदा देवी के 1897 में अपने भक्तों ने के साथ पुष्कर आई

Rakesh Gupta
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*रत्नागिरि पहाड़ी पर सावित्री माता मंदिर पर जाकर माँ शारदा की पूजा अर्चना की

(हरिप्रसाद शर्मा) पुष्कर/ अजमेर/श्री माँ सारदा देवी मन्दिर स्थापना की तीसरी वर्षगाँठ के अवसर पर रामकृष्ण मिशन विवेकानंद स्म्रति मन्दिर खेतडी के सौजन्य से तीर्थ राज पुष्कर में तीसरे दिन रविवार को तीर्थ राज पुष्कर में भारत सेवा संघ आश्रम से सावित्री देवी पहाड़ के प्रवेश द्वार तक प्रभात फेरी निकाली गयी l सावित्री देवी पहाड़ पर मां सारदा के मन्दिर में प्रातः 08:30 बजे से विशेष पूजा की गयी। इस अवसर पर रामकृष्ण विवेकानंद भावधारा के जोधपुर, बीकानेर, उदयपुर, जयपुर, कोटा, पुणे, कलकत्ता एवं दिल्ली से लगभग 150 भक्तो ने विशेष पूजा मे भाग लिया।

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पूजा दोपहर 12:30 बजे तक सम्पन्न हुई । स्वामी सर्वप्रियानंद सचिव रामकृष्ण मिशन पटना एवं रामकृष्ण मिशन खेतडी के साधुओ द्वारा पूजा की गयी।


रामकृष्ण मिशन दिल्ली के सचिव स्वामी सर्वलोकानंद महाराज, रामकृष्ण मिशन खेतडी के सचिव स्वामी आत्मनिष्ठानंद महाराज , रामकृष्ण मिशन उज्जैन के सचिव स्वामी प्रदीप्तानंद महाराज, रामकृष्ण मिशन हरिपद केरल के सचिव वीरभद्रानंद जी भी पूजा के दौरान उपस्तिथ थे।
गौरतलब है कि श्री रामकृष्ण देव की सहधर्मिणी श्री मां शारदा देवी के 1897 में पुष्कर आने एवम स्वामी विवेकानन्द एवम उनके गुरु भाईयो के पुष्कर आगमन से रामकृष्ण मठ एवम मिशन के पूरे देश विदेश में फैले लाखों भक्तो के लिए पुष्कर तीर्थ की महत्ता पहले की थी । अब रामकृष्ण मिशन खेतडी द्वारा 2021 में श्री माँ सारदा देवी के पुष्कर मे मंदिर के निर्माण होने से रामकृष्ण विवेकानंद भावधारा के भक्तो मे पुष्कर तीर्थ में आस्था और बड़ गयी है।


पूजा के अंत मे हवन एवं भोग आरती हुई। पूजा के उपरांत लगभग 150 लोगों ने भोजन प्रसादी ग्रहण की।

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