(हरिप्रसाद शर्मा) अजमेर: श्रावण मास शुक्ल पक्ष में-दोयस तिथि को मनाया जाने वाला-सिंजारे का पर्व महिलाओं द्वारा, शनिवार को मनाया गया , वहीं रविवार को तीज का त्योहार मनाया जाएगा।
ज्योतिशास्त्री ने बताया कि सिंजारे पर जिन नवयुवतियों का हाल ही में विवाह हुआ है, या सगाई हुई है, और पहला श्रावण मास है, उनके ससुराल से बतौर सिंजारे के रूप में-साड़ी, सुलग-सामग्री, झूले, घेवर, फिणी, मिठाई आते हैं, वहीं सिंजारे के दूसरे दिन रविवार को श्रावणी तीज का त्यौहार मनाया जाएगा।
बताया जाता है कि ये दोनों त्यौहार-राजस्थान प्रांत के मुख्य त्योहार माने जाते हैं। प्राचीन परम्परा, लोकरीति व मान्यता के अनुसार सिंजारे व तीज पर सगाई, गोद भराई, रिंग-सरेमनी आदि मंगलीक कार्य भी संम्पन्न होगे।
*शास्त्रोक्त सिंजारे व तीज का त्योहार भगवान शिव व माता पार्वती द्वारा दिये कन्याओं को सुयोग्य वर की प्राप्ति व विवाहित महिलाओं को अरखंड-सौभाग्य पुत्र-पौत्रादि की कामना के लिए दिए गए आशीर्वाद का प्रतीक माना जाता है।