**ईश्वर प्राप्ति ही मानव जीवन का उद्देश्य(हरिप्रसाद शर्मा) पुष्कर/ अजमेर:श्री माँ सारदा देवी मन्दिर स्थापना की तीसरी वर्षगाँठ के अवसर पर रामकृष्ण मिशन विवेकानंद स्म्रति मन्दिर खेतडी के सौजन्य से तीर्थ राज पुष्कर में आज दूसरे दिन भक्त सम्मेलन का आयोज़न शनिवार को भारत सेवा संघ के परिसर में हुआ।
जिसमें प्रथम सत्र मे प्रातः 5.30 बजे से मंगल आरती, ध्यान, वेद पाठ एवं भगवद् गीता के 12 वे अध्याय का पाठ हुआ l इसके बाद स्वामी प्रदीप्तानंद सचिव रामकृष्ण मिशन उज्जैन द्वारा विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ किया गया l इसके बाद दिल्ली से आए हुए भजन सम्राट चंपक चटर्जी द्वारा कंठ प्रिय मधुर भजनों का गायन किया। इसके पश्चात स्वामी वीरभद्रानंद अध्यक्ष रामकृष्ण मठ हरिपद केरला द्वारा सभी भक्तों को निर्देशित ज्ञान करवाया गया l
इसके बाद स्वामी आत्मनिष्ठानंद सचिव रामकृष्ण मिशन खेतड़ी द्वारा स्वागत भाषण दिया गया ।जिसमें उन्होंने दिल्ली, केरल, राजकोट, उज्जैन से आये रामकृष्ण मठ एवं मिशन के अध्यक्ष एवं सचिव महाराज का स्वागत किया l पश्चात रामकृष्ण आश्रम खेतड़ी के सचिव स्वामी आत्मनिष्ठानंद महाराज द्वारा भगवान श्री रामकृष्ण देव की सहधर्मिणी श्री मां शारदा देवी के 1897 में पुष्कर आने एवम स्वामी विवेकानन्द एवम उनके गुरु भाईयो के पुष्कर आगमन के बारे में प्रकाश डालकर पुष्कर मे रामकृष्ण मिशन खेतडी द्वारा 2021 में श्री माँ सारदा देवी के नवनिर्मित मंदिर के बारे में जानकारी दी गयी ।
इसके पश्चात स्वामी निखिलेश्वरानंद अध्यक्ष रामकृष्ण मठ राजकोट द्वारा श्री रामकृष्ण परमहंस के जीवन एवं संदेश के विषय में प्रवचन दिया गया ।उन्होंने बताया कि श्री रामकृष्ण देव ने सभी धर्मो की साधना कर सभी धर्म एक ही सत्य की और ले जाते हैं कि अनुभूति कर सर्व धर्म समन्वय का कार्य किया गया साथ ही भोगवाद एवं जड़ता रूपी राक्षस का खात्मा किया गया।उन्होंने कहा कि अपने जीवन के द्वारा भगवत प्राप्ति सहज है ।यह इस बारे में प्रकाश डाला l इसके पश्चात स्वामी सर्वलोकानंद सचिव रामकृष्ण मिशन दिल्ली द्वारा मां शारदा के जीवन पर प्रकाश डाला ।
मां शारदा गृहस्थी के सभी काम में लगे होने पर भी प्रतिदिन सवा लाख जप करती थी ।वहीं धन कम होने पर भी कैसे आनंदपूर्वक जीवन जिया जाता हैं ।यह हमें मां शारदा के जीवन से हमें सीखना चाहिए lदोपहर के भोजन के पश्चात द्वितीय सत्र में चंपक द्वारा भजन प्रस्तुत किए गए l इसके पश्चात स्वामी निखिलेश्वरानंद अध्यक्ष रामकृष्ण मठ राजकोट द्वारा साधना के विषय पर प्रवचन दिए गए ।जिसमें उन्होंने मंत्र दीक्षा लेने के पश्चात साधन ,भजन कैसे करना चाहिए ।उन्होंने इसके बारे में ही जोर दियाl इसके पश्चात स्वामी वीरभद्रानंद महाराज द्वारा इच्छा और काबिलियत इन दोनों में क्या फर्क है । साथ ही अपने आप को मनुष्य को किस प्रकार साधना के काबिल बनाना चाहिए ।
जिससे कि वह साधक जीवन मे सफल हो सके ।इस बारे में उन्होंने अपना वक्तव्य दिया l इसके पश्चात स्वामी सर्वलोकानंद अध्यक्ष रामकृष्ण मिशन दिल्ली द्वारा स्वामी विवेकानंद के जीवन एवं संदेश पर प्रकाश डाला कि किस प्रकार स्वामी विवेकानंद ने अपने गुरु से शिक्षा प्राप्त कर विदेश में भारत का डंका बजाया एवं भारत के खोये हुए गौरव को वापिस लाने मे अपना योगदान दिया l
स्वामी सर्वलोकानंद ने विद्यार्थियों को स्वामी विवेकानंद जी के चरित्र के अनुरूप अपना जीवन गठन करने पर प्रकाश डाला। उन्होंने ईश्वर प्राप्ति ही मानव जीवन का उद्देश्य है ।इस पर जोर देते हुए जप, साधुसंग सत असत का विचार एवम स्वाध्याय की आवश्यकता पर बल दिया।अंत में सभी आये हुए संतों व भक्तों का अमिताभ भट्टाचार्य ने आभार व्यक्त किया l इस मौक़े पर रामकृष्ण विवेकानंद भावधारा के जोधपुर, बीकानेर, उदयपुर, जयपुर, कोटा, पुणे एवं दिल्ली से लगभग 110 भक्तो ने भाग लिया। रविवार को प्रातः 7:30 बजे से प्रभात फेरी निकाली जाएगी और सावित्री देवी पहाड़ पर मां सारदा के मन्दिर में प्रातः 08:30 बजे से विशेष पूजा अर्चना की जाएगी ।जो दोपहर 12:30 बजे तक सम्पन्न होगी। स्वामी आत्मानिष्ठानंद ने बताया कि तीर्थराज पुष्कर में श्री मां शारदा देवी के मंदिर बनने से रामकृष्ण मठ एवम मिशन के पूरे देश विदेश में फैले लाखों भक्तो के लिए पुष्कर तीर्थ की महत्ता और बढ़ गई है । इससे तीर्थ राज पुष्कर के पर्यटन को और बढ़ावा मिलेगा।