बिहार न्यूज़ लाईव सारण डेस्क: छपरा : गुरुवार के दिन जहाँ एक तरफ अपने देश में शिक्षक दिवस मनाया जा रहा था तो वहीं दूसरी तरफ बहुत सारे शिक्षक अपने हक़-हुक़ूक़ के लिए सांकेतिक विरोध प्रदर्शन कर रहे थे। एनपीएस तथा यूपीएस के खिलाफ और ओपीएस के पक्ष में नेशनल मूवमेंट फ़ॉर ओल्ड पेंशन स्कीम की ओर से पूरे देश में 2 सितम्बर से 6 सितम्बर तक ब्लैक वीक मनाया जा रहा है, जिसके तहत 5 सितम्बर को जगलाल चौधरी महाविद्यालय, छपरा में शिक्षकों ने काला बिल्ला लगाकर इस मुहिम में भाग लेकर ओपीएस की माँग की।
एनएमओपीएस, सारण (छपरा) के जिलाध्यक्ष डॉ. दिनेश पाल ने बताया कि जबतक पुरानी पेंशन योजना लागू नहीं होगी तबतक यह संघर्ष जारी रहेगा। एनपीएस और यूपीएस दोनों कर्मचारी विरोधी है और देश विरोधी है। एनपीएस तथा यूपीएस देश की अर्थव्यवस्था के लिए हानिकारक है। उन्होंने आगे कहा कि पेंशन पुरुष विजय कुमार बन्धु के नेतृत्व में एनएमओपीएस ने केंद्र सरकार को अभी एनपीएस से यूपीएस तक लाया है लेकिन ओ दिन दूर नहीं है जब केन्द्र तथा राज्य की सरकारें ओपीएस बहाल करेंगी। विडम्बना की बात यह है कि जो नेता व अधिकारी खुद ओपीएस धारी हैं, वे एनपीएस तथा यूपीएस का फायदा गिनाते दिखते हैं।
मालूम हो कि बिहार के विश्वविद्यालयों में सेवारत शिक्षकों की स्थिति तो ऐसी है कि उन्हें अभी तक एनपीएस का भी लाभ नहीं मिल रहा है। नौकरी में आये सात-आठ साल हो गए हैं लेकिन आजतक बिहार सरकार उन्हें एनपीएस का 10 व 14 प्रतिशत शेयर नहीं दे पाई है।
ब्लैक वीक के तहत सांकेतिक विरोध दर्ज कराने वालों में डॉ. दिनेश पाल, डॉ. पवन कुमार प्रभाकर, डॉ. संदीप कुमार यादव, डॉ. मो. जियाउल होदा अंसारी, अनिल कुमार, डॉ. सूर्यदेव राम एवं डॉ. रामनाथ आदि शामिल थे। साथ यह भी मालूम हो कि कुछ महाविद्यालयों में ऊतर-पुस्तिका मूल्यांकन के पारिश्रमिक भुकतान हेतु हस्ताक्षर अभियान भी चलाया जा रहा है।