पुष्कर तीर्थ का निवास पुण्य फलदायी- महामण्डलेश्वर अद्भुद शक्ति का स्वरूप हे राम भक्त हनुमान

Rakesh Gupta
- Sponsored Ads-

पुष्कर तीर्थ का निवास पुण्य फलदायी- महामण्डलेश्वर अद्भुद शक्ति का स्वरूप हे राम भक्त हनुमान

(हरिप्रसाद शर्मा) पुष्कर/ अजमेर: धार्मिकनगरी पुष्कर में राम सखा आश्रम के पीठाधीश्वर महंत स्वामी राम स्वरूप महाराज की अष्टम पुण्य स्मृति महोत्सव पर आयोजित की गई ।व्यासपीठ से पीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर महंत स्वामी नन्द राम शरण महाराज संगीतमय श्रीराम कथा के अष्टम दिवस सोमवार की कथा का रसपान करवाया गया।

- Sponsored Ads-

उन्होंने कहा कि कई योनियों में भटकने के बाद हमें मनुष्य जन्म की प्राप्ति होती है, मनुष्य जन्म में हमें सत्कर्म करने चाहिए़। हम सभी पुण्य कर्मी है ।तीर्थ में कथा श्रवण कर रहे हैं , पुष्कर तीर्थ का तो निवास ही बहुत पुण्य फलदायी है।

महाराज ने कहा कि राम भक्त हनुमान का तो अवतार ही भगवान श्री राम की भक्ति सेवा के लिए हुआ, हनुमान जी में अद्भुद शक्ति का स्वरूप है, वे अकेले ही समुद्र लांघ कर लंका में जाकर रावण को चुनौती देते हे , रावण के योद्धाओं को चुनौती देते हैं तो अकेले ही कही योद्धाओं को पराजित कर देते हैं ।रामायण में अकेले राम भक्त हनुमान ही कही योद्धाओं पर भारी है।

कथा में जामवंत द्वारा हनुमान को शक्ति याद दिलाना,हनुमान जी का लंका प्रस्थान, समुद्र लांघ करते समय सुरसा, ओर छाया वाली सिंहिका राक्षसी का वध, लंका में विभीषण से भेंट, अशोक वाटिका में माता सीता से भेंट, अशोक वाटिका का विध्वंस, अक्षय कुमार का वध, मेघनाथ द्वारा हनुमान को कैद कर रावण के समक्ष सभा में प्रस्तुत करना, हनुमान द्वारा लंका दहन, नल नील द्वारा राम सेतु का निर्माण, अंगद द्वारा लंका में रावण की सभा में सभी को भगवान श्री राम का संदेश देकर, युद्ध के लिए चुनौती सहित प्रसंगों का वर्णन किया गया। कथा के यजमान जयप्रकाश अग्रवाल जयपुर, दिनेश अग्रवाल अजमेर, माधव पाराशर, गिरिराज वैष्णव रहे।

- Sponsored Ads-
Share This Article
Leave a Comment