भागवत कथा का समापन श्री कृष्ण सुदामा मिलन की झांकी प्रस्तुत की गई भाव के भूखे हैं भगवान ।
बिहार न्यूज़ लाइव /असरगंज मुंगेर डेस्क: भगवान प्रेम भाव के भूखे हैं। भक्तों के दिए हुए उपहार यानी भेंट को भगवान बड़े प्रेम से स्वीकार करते हैं। भगवान ने स्वयं ही गीता में कहा है कि मेरा भक्त प्रेम से जो कुछ भी मुझे अर्पण करता है, भक्तों के दिए हुए उस पत्र -पुष्प जल् – फल आदि वस्तुओं को मैं प्रेम से स्वीकार करता हूं। यह बातें असरगंज बस स्टैंड स्थित संत नागा निरंकारी पथिक आश्रम संत पथिक जयंती समारोह के अवसर पर आयोजित संगीतमय श्रीमद् भागवत कथा सप्ताह ज्ञान यज्ञ के समापन दिवस पर शनिवार को श्रोताओं के बीच कहीं।
उन्होंने कहा कि प्रेम के वशीभूत होकर ही भगवान श्रीराम ने शबरी के झूठे बेर खाए। भगवान श्री कृष्ण ने विदुरानी के हाथ से केले के छिलके तथा गरीब ब्राह्मण सुदामा जी के लाए हुए तंदुल को भी बड़े प्रेम से प्रसन्नता पूर्वक खा लिया। सुबोध आनंद जी महाराज ने एकादश स्कंध में उद्धव जी को श्री कृष्ण का ज्ञान उपदेश, दत्तात्रेय जी के 24 गुरुओं की कथा, शुकदेव जी का राजा परीक्षित को अंतिम उपदेश आदि प्रसंगों को सुना कर श्रीमद् भागवत कथा का समापन किया। कथा के अंतिम दिन श्री कृष्ण -सुदामा मिलन की सुंदर झांकी भी प्रस्तुत की गई। भागवत कथा की पूर्णाहुति होने पर आयोजित हवन यज्ञ में कथा के मुख्य यजमान सहित अनेकों श्रद्धालुओं ने आहुति प्रदान की।
शंकर बाबा ने बताया कि 15 जनवरी रविवार को पूज्य गुरुदेव स्वामी पथिक जी महाराज का जयंती महोत्सव उत्साह पूर्वक धूमधाम से मनाया जाएगा। मौके पर शंकर बाबा,रंजीत ब्रह्मचारी, बाबा रामदास, पूर्व जिला परिषद सदस्य अनिल वैद्य, पूर्व मुखिया ज्योति वैद्य, मुखिया राकेश मंडल, सुरेश साह, रामेश्वर साह ,डॉ महेश साह , अर्जुन साह, वासुदेव साह, सहित सैकड़ों श्रद्धालु