(हरिप्रसाद शर्मा) पुष्कर :अजमेर तीर्थ नगरी पुष्कर में नव खंडीय तुलसी मानस हनुमान मंदिर राम सखा आश्रम पीठाधीश्वर महंत स्वामी राम स्वरूप महाराज की अष्टम पुण्य स्मृति महोत्सव पर राम कथा आयोजित की । व्यासपीठ से आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी नन्द राम शरण महाराज संगीतमय श्रीराम कथा के सातवें दिन रविवार को अरण्य कांड, ओर किष्किंधा कांड कथा का श्रोताओं को रसपान करवाया है ।
उन्होंने अरण्य कांड ,भगवान श्रीराम ऋषियों, मुनियों ओर संतो के दर्शन लाभ लेते हैं, संगति कर ज्ञान प्राप्त करते हैं। भगवान श्रीराम, लक्ष्मण से कहते है कि लक्ष्मण इस संसार में संतो की सेवा बहुत दुर्लभ है। संत इस धरती के चलते फिरते तीर्थ है , वे जहां कहीं भी जाते है अपने पवित्र ज्ञान से लोगो को पवित्र करते हैं, उनका मानसिक और सांसारिक कल्याण करते हैं ।लक्ष्मण तुम भी संतो के चरणों मे बैठो।
व्यासपीठ से कहा कि किष्किंधा कांड जब भगवान श्रीराम सीता माता की खोज करते हुए ऋषिमुख पर्वत से गुजरते हैं ।तब विप्र रूप में भक्त हनुमान से उनकी मुलाकात होती है तो कहते है, भगवान राम कहते है हनुमान तुम तो मुझे लक्ष्मण से भी प्रिय हो।
स्वामी नन्द राम शरण महाराज ने कथा प्रसंग में भगवान श्रीराम द्वारा प्रतिपादित नवधा भक्ति – संतो का सत्संग, भगवान की कथा से प्रेम, गुरु चरणों में अभिमान रहित सेवा, कपट छोड़ना मंत्र जाप में विश्वास, इंद्रिय निग्रह, संतोषी,मन में भगवान का भरोसा द्वारा नवधा भक्ति का महत्त्व बताकर नवधा भक्ति को जीवन में धारण करना चाहिए.।
कथा में किष्कंदा कांड ,
शिव नगरी काशी की स्तुति अगस्त ऋषि से भेंट,ऋषिमुख पर्वत पर हनुमान से भेंट अत्री ऋषि से भेंट, सुतीक्ष्ण ऋषि का प्रेम, जटायु से भेंट, कम्बंध का उद्धार,शबरी की भक्ति, बाली वध, सुग्रीव राज्याभिषेक की कथा का रसपान करवाया गया।
व्यासपीठ से कथा में पुष्कर विधायक ओर जल संसाधन मंत्री सुरेश सिंह रावत, पूर्व सभापति कमल पाठक का सम्मान किया गया ।
