(हरिप्रसाद शर्मा) जयपुर: नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने विकसित भारत गारंटी रोजगार आजीविका मिशन (ग्रामीण) यानी VB- G RAM G को लेकर केंद्र सरकार पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने कहा कि सरकार ने सिर्फ योजना का नाम ही नहीं बदला, बल्कि उसका पूरा स्वरूप बदलकर महात्मा गांधी नरेगा को धीरे-धीरे खत्म करने का प्रयास किया जा रहा है। जूली ने कहा कि मनरेगा मजदूरों और गरीब परिवारों की जीवनरेखा रही है, जिससे न केवल रोजगार मिला बल्कि गांवों से पलायन भी रुका।
टीकाराम जूली ने कहा कि पहले मनरेगा में राज्यों की हिस्सेदारी मात्र 10 प्रतिशत थी, जिसे अब बढ़ाकर 40 प्रतिशत कर दिया गया है। राज्यों की आर्थिक स्थिति पहले से ही कमजोर है, ऐसे में वे इस अतिरिक्त बोझ को कैसे वहन करेंगे, यह बड़ा सवाल है। उन्होंने आशंका जताई कि जिन राज्यों में भाजपा शासित सरकार नहीं है, वहां केंद्र सहयोग नहीं करेगा, जिससे योजना स्वतः ही बंद होने की स्थिति में पहुंच जाएगी।
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि मनरेगा एक मांग आधारित योजना थी, जिसे प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और सोनिया गांधी के नेतृत्व में लागू किया गया था। इसमें काम की मांग करने पर मजदूरों को रोजगार और मजदूरी मिलती थी। लेकिन नई व्यवस्था में काम का बंटवारा दिल्ली स्तर से होगा, जिससे गांवों की वास्तविक जरूरतों की अनदेखी होगी। उन्होंने सवाल उठाया कि दिल्ली में बैठा व्यक्ति कैसे तय करेगा कि किसी गांव में कौन सा काम जरूरी है। इससे विकास और रोजगार दोनों पर असर पड़ेगा।
जूली ने कहा कि मनरेगा से बंधुआ मजदूरी करने वाले लोगों को आजादी मिली और गांवों में समृद्धि आई, जो मौजूदा सरकार को रास नहीं आ रही। उन्होंने यह भी कहा कि औसतन आज तक मनरेगा में लगभग 50 दिन का ही रोजगार मिल पाया है, ऐसे में 125 दिन रोजगार देने का दावा कैसे पूरा होगा, यह समझ से परे है।
राम के नाम को योजना से जोड़ने पर जूली ने कहा कि कांग्रेस को भगवान राम से कोई विरोध नहीं है। असल विरोध मनरेगा को कमजोर करने और बंद करने की कोशिश का है। सरकार को डर है कि योजना का विरोध होगा, इसलिए धार्मिक भावनाओं को आगे किया जा रहा है। उन्होंने घोषणा की कि कांग्रेस इस बिल के खिलाफ ब्लॉक स्तर तक आंदोलन करेगी।
भ्रष्टाचार के आरोपों पर जूली ने कहा कि नरेगा में जीपीएस लोकेशन, सीधे खाते में भुगतान जैसी व्यवस्थाएं थीं, जिससे भ्रष्टाचार की कोई गुंजाइश नहीं थी। उन्होंने अपने अनुभव साझा करते हुए कहा कि जिला प्रमुख रहते हुए नरेगा के तहत किए गए कामों की वजह से ही जनता ने उन्हें विधायक चुना।
अरावली पर्वत श्रंखला मुद्दे पर जूली ने कहा कि यह पर्वत नहीं, राजस्थान के लोगों की जीवनशैली है। इसको बर्बाद नहीं होने देंगे। जूली बोले कि अरावली में खनिज, सोना और चांदी के भंडार हैं। अरावली को बचाने के लिए हमने मुहिम शुरू की है | जिसको आमजन के साथ आगे लेकर जाएंगे। जूली ने सरकार पर आरोप लगाया कि यह सिर्फ अपने उद्योग पति मित्रों को फायदा देने के लिए यह कर रहे हैं। वहीं, 3 विधायकों पर लगे आरोपों पर नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि यह मामला गंभीर है, इसकी जांच होकर इसपर कड़ी कारवाई जरूरी है।
