इज़राइल से जल संरक्षण की सीख:जल संसाधन समिति के अध्यक्ष राजीव प्रताप रुडी की इज़राइल के राजदूत रियुवेन अजार के साथ बैठक

Rakesh Gupta
- Sponsored Ads-

बैठक में इज़राइल की जल प्रबंधन और पुनर्चक्रण तकनीकों पर चर्चा हुई।
• इज़राइल 90% अपशिष्ट जल के पुनः उपयोग में विश्व अग्रणी है।
• ड्रिप सिंचाई, ओस से सिंचाई और शुष्क क्षेत्रों में जल उपयोग पर विचार-विमर्श हुआ।
• समिति इन तकनीकों का अध्ययन कर उनकी उपयोगिता का मूल्यांकन करेगी।
• इज़राइली राजदूत ने तकनीकी सहयोग बढ़ाने पर सहमति जताई।
• यह अध्ययन भारत में जल संरक्षण और प्रबंधन के नए अवसरों को खोलेगा।
• सारण प्रमंडल के लिए 4 हजार करोड़ की सिंचाई और 2 हजार करोड़ का बाढ़ प्रबंधन योजना तैयार।
• सारण जिला भारत का पहला आधुनिक तकनीक से लैस बाढ़ और सिंचाई प्रबंधन मॉडल बनेगा।


नई दिल्ली: जल संसाधन संबंधी संसद की स्थायी समिति के अध्यक्ष एवं सांसद श्री राजीव प्रताप रुडी ने भारत में इज़राइल के राजदूत श्री रियुवेन अजार से एक महत्वपूर्ण बैठक की। इस बैठक का उद्देश्य जल संसाधन प्रबंधन और पुनर्चक्रण के क्षेत्र में इज़राइल की उन्नत तकनीकों का अध्ययन करना था, जिससे भारत में जल संरक्षण और प्रबंधन से संबंधित संभावनाओं का आकलन किया जा सके।

- Sponsored Ads-


बैठक के दौरान, इज़राइल में जल पुनर्चक्रण, ड्रिप सिंचाई, ओस से सिंचाई, तथा शुष्क क्षेत्रों में जल उपयोग की नवीनतम प्रौद्योगिकियों पर चर्चा हुई। इज़राइल जल पुनर्चक्रण में वैश्विक अग्रणी है और वहां लगभग 90% अपशिष्ट जल का पुनः उपयोग किया जाता है। यह प्रणाली जल सुरक्षा बढ़ाने और कृषि उत्पादकता सुधारने में सहायक सिद्ध हुई है। इस दौरान श्री रुडी ने उन्हें बताया कि बिहार के सारण प्रमंडल के लिए ₹4000 करोड़ की सिंचाई और ₹2000 करोड़ के बाढ़ प्रबंधन योजना, कुल 6 हजार करोड़ की योजना तैयार की जा चुकी है, जो आधुनिक तकनीक से लैस होगी। इस पहल के तहत सारण जिला भारत का पहला बाढ़ और सिंचाई प्रबंधन मॉडल बनेगा। बैठक के दौरान इज़राइली राजदूत ने बिहार, विशेष रूप से छपरा आने की इच्छा व्यक्त की। जल संसाधन संबंधी संसद की स्थायी समिति के अध्यक्ष श्री राजीव प्रताप रुडी ने प्रधानमंत्री किसान सिंचाई योजना, पेयजल, स्वच्छता और कृषि सिंचाई से जुड़ी विभिन्न योजनाओं पर चर्चा की।


श्री रुडी ने बताया कि जल संसाधन समिति इन आधुनिक तकनीकों और जल प्रबंधन मॉडल का अध्ययन कर उनकी उपयोगिता का मूल्यांकन करेगी। इस अध्ययन का उद्देश्य यह समझना होगा कि इन तकनीकों को भारतीय परिप्रेक्ष्य में किस प्रकार लागू किया जा सकता है। समिति इस संबंध में विस्तृत रिपोर्ट तैयार कर सरकार को प्रस्तुत करेगी, ताकि भविष्य में नीति निर्माण में इसका उपयोग किया जा सके।


इज़राइली राजदूत ने इस दिशा में सहयोग जारी रखने की प्रतिबद्धता व्यक्त की और दोनों देशों के बीच तकनीकी जानकारी साझा करने पर सहमति बनी। समिति द्वारा किए जा रहे इस अध्ययन से भारत में जल संरक्षण की दिशा में नई संभावनाओं को बल मिलेगा।

- Sponsored Ads-

Share This Article