बिहार न्यूज़ लाइव /सारण डेस्क:
• जिले में 43 लाख लाभार्थियों को घर-घर जाकर खिलायी दवा
• ई-रिक्शा प्रचार रथ के माध्यम से किया जाएगा जागरूक
• स्वास्थ्य कार्यकर्ता घर-घर जाकर खिलाएंगे दवा
छपरा कार्यालय। समुदाय के सभी योग लोग फाइलेरिया से बचाव के दवा का सेवन अवश्य करें। दवा का सेवन करेंगे तब ही जिले को फाइलेरिया मुक्त बनाना संभव होगा। उक्त बातें सारण के जिलाधिकारी राजेश मीणा ने सदर अस्पताल में एमडीए अभियान के मेगा लांचिंग के दौरान कही। डीएम ने खुद दवा सेवन कर अभियान का आगाज किया। कहा कि फाइलेरिया उन्मूलन के लिए एमडीए अभियान को जन-आंदोलन बनाने की जरूरत है। इसको लेकर माइक्रोप्लान तैयार कर लिया गया है। जिले में 43 लाख लोगों को फाइलरेयिा से बचाव की दवा खिलाने का लक्ष्य रखा गया है। इसके लिए प्रखंड स्तर पर जोन बनाकर टीम गठित किया गया है। उन्होने कहा कि 2 हजार टीम बनाया गया है। जिसमें 4000 स्वास्थ्यकर्मी, आशा कार्यकर्ता, आंगनबाड़ी सेविका, वॉलेंटियर शामिल है। उन्होंने कहा कि इस दवा को कोई भी नुकसान नहीं होता है । सभी लोग इस दवा का सेवन करें। दवा खाने से फाइलेरिया से होने वाली बीमारी से बचा जा सकता है।कहा कि एमडीए अभियान के दौरान दवा की डोज उम्र के अनुसार दी जाएगी। दवा खाली पेट नहीं खानी है और इसे स्वास्थ्यकर्मी के सामने ही खाना आवश्यक है । यह दवाएं निःशुल्क जनसमुदाय को खिलाई जाएंगी और इसका सेवन दो साल से कम उम्र के बच्चों,गर्भवती और गंभीर रोग से पीड़ित लोगों को छोड़ कर सभी को करना है। इस मौके पर सिविल सर्जन डॉ. सागर दुलाल सिन्हा, रत्नेश्वर प्रसाद, डीएमओ डॉ. दिलीप कुमार सिंह, डीआईओ डॉ चंदेश्वर सिंह, सीडीओ डॉ रत्नेश्वर प्रसाद, डीपीएम अरविन्द कुमार, डीपीसी रमेश चंद्र कुमार, भीबीडीसी सुधीर कुमार, अनुज कुमार, केयर इंडिया के डीपीओ आदित्य कुमार, पीसीआई के आरएमसी सत्यप्रकाश, सीफार के प्रमंडलीय कार्यक्रम समन्वयक गनपत आर्यन समेत अन्य मौजूद थे।
किसी भी स्थिति से निपटने के लिए टीम गठित:
जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ दिलीप कुमार सिंह ने बताया कि 10 फरवरी से 14 दिनों तक यह अभियान चलेगा। शुक्रवार से इसकी शुरुआत कर दी गई है। दवा खाने से जब शरीर में परजीवी मरते हैं तो कई बार सिरदर्द, बुखार, उलटी जैसी प्रतिक्रिया देखने को मिलती है। इनसे घबराना नहीं है और आमतौर पर यह स्वतः ठीक हो जाते हैं। अगर किसी को ज्यादा दिक्कत होती है तो आशा कार्यकर्ता के माध्यम से ब्लॉक रिस्पांस टीम को सूचित कर सकता है। डीएमओ ने जिलेवासियों से भ्रांतियों से दूर रहने की अपील करते हुए कहा कि फाइलेरिया उन्मूलन के लिए सर्वजन दवा सेवन कार्यक्रम के दौरान उपलब्ध कराई जाने वाली दवा का सेवन अवश्य करें। उन्होंने कहा कि बिना लक्षण वाले लोगों के शरीर में भी फाइलेरिया रहती है और 14-14 वर्ष बाद भी इसका असर शुरू होता है। उन्होंने कहा कि इससे बचाव के लिए लोगों को लगातार पांच साल तक इस दवा का सेवन करना आवश्यक है। यह दवा पूरी तरह सुरक्षित है।
अभियान के दौरान घरों की होगी मार्किंग:
भीबीडीसी सुधीर कुमार ने कहा कि एमडीए अभियान के दौरान दवा खिलाने वाली आशा कार्यकर्ता और आंगनबाड़ी सेविकाओं के द्वारा घरों की मार्किंग की जायेगी। ताकि जाँच टीम को इस बात की जानकारी मिल सके कि इस घर के लोगो को दवा खिलाया जा चुका है।
ई रिक्शा के माध्यम से किया जाएगा प्रचार-प्रसार:
एमडीए अभियान के दौरान जन समुदाय को जागरूक करने के लिए स्वास्थ्य विभाग के द्वारा ई-रिक्शा प्रचार रथ के माध्यम से लोगों को फाइलेरिया से बचाव के लिए दवा सेवन के प्रति जागरूक किया जाएगा। शहरी क्षेत्र में जागरूकता के लिए 6 जागरूकता रथ को जिलाधिकारी ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। यह जागरूकता रक्त सारी क्षेत्र के गली मोहल्लों में जाकर दवा सेवन के प्रति ऑडियो प्रचार के माध्यम से प्रचार प्रसार करेंगे।
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