अररिया: आरोपों के घेरे में भरगामा के पीएचसी प्रभारी,लोगों ने डीएम से किया निलंबन की मांग…

Rakesh Gupta
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बिहार न्यूज़ लाइव अररिया डेस्क: वरीय संवाददाता अंकित सिंह / अररिया। जिले के भरगामा प्रखंड क्षेत्र के प्राथमिक सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र भरगामा में बीते 25 अगस्त को भरगामा पंचायत के वार्ड 05 निवासी शंभू विश्वास का ईलाज के दौरान अस्पताल में हीं मौत हो गया था।

 

जिसके बाद शंभू विश्वास की पत्नी माया देवी सहित उनके परिजनों ने प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉक्टर संतोष कुमार पर अस्पताल में नहीं बैठने और अपने निजी क्लिनिक में बैठकर अवैध उगाही करने तथा सरकारी अस्पताल में इलाज कराने आए मरीजों के साथ लापरवाही बरतने एवं प्रभारी के कहने के अनुसार उनके निजी माँ क्लिनिक में इलाज ना कराने के चलते शंभू विश्वास का मौत हो जाने का आरोप लगाया था। प्राप्त जानकारी अनुसार शंभू विश्वास के मौत हो जाने के बाद उनके परिजनों द्वारा अस्पताल में हो-हंगामा भी किया गया था।

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लेकिन अस्पताल प्रभारी पर इसका कोई असर नहीं दिखा। वहीं दूसरी ओर मुन्ना मेहता द्वारा प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी पर अपने बेटी लवली कुमारी के इलाज में 19 हजार रूपये के अवैध उगाही करने का भी आरोप लगाया गया है। वहीं तीसरी ओर शंकरपुर पंचायत के वार्ड 06 निवासी रीना देवी पति संतोष कुमार ऋषिदेव ने प्रभारी चिकत्सा पदाधिकारी डॉक्टर संतोष कुमार पर अपने निजी क्लिनिक में 13 हजार रुपए डिलीवरी के नाम पर अवैध उगाही करने का भी आरोप लगाया है।

 

आपको बता दें कि अब यह मामला विकराल रूप लेने लगा है। और डीएम तक जा पहुंचा है। अब इस मामले में आरोपों के घेरे में लिपटे प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉक्टर संतोष कुमार के निलंबन की मांग भी उठी है। बताते चलें कि समाजसेवी देवकी देवी सहित उनके दर्जनों सहयोगियों ने डीएम इनायत खान को ध्यानाकर्षण कराते हुए कही है कि भरगामा पीएचसी प्रभारी डॉक्टर संतोष कुमार गरीब मरीजों का शोषण करने के लिए भरगामा हाट स्थित सावित्री कॉम्प्लेक्स में माँ क्लिनिक के नाम से एक निजी क्लिनिक खोला हुआ है।

 

और वे सरकारी अस्पताल में कम निजी क्लिनिक में ज्यादा समय देते हैं। अब आपको स्पष्ट रूप में बता दें कि वे सरकारी अस्पताल के ड्यूटी के समय में भी अपने निजी क्लिनिक में बैठते हैं। इतना हीं नहीं सरकारी अस्पताल में पदस्थापित उनके अधीन काम करने वाले डॉक्टर,नर्स,कर्मी एवं बिचौलिए आदि द्वारा कमीशन के चलते सरकारी अस्पताल में इलाज कराने आए मरीजों को बरगला कर और कोई ना कोई बहाना बनाकर डॉ. संतोष कुमार के निजी माँ क्लिनिक में बेहतर इलाज का झांसा देकर भेज देते हैं। ताकि गरीब,असहाय,लाचार मरीजों से अवैध उगाही किया जा सके।

 

वहीं प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. संतोष कुमार का कहना है कि उनके ऊपर झूठा आरोप लगाया जा रहा है। वहीं अब इस मामले में मृतक शंभू विश्वास के पत्नी माया देवी सहित उनके परिजनों एवं मुन्ना मेहता,रीना देवी,संतोष ऋषिदेव,देवकी देवी के अलावे दर्जनों लोगों ने डीएम से प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. संतोष कुमार के कार्यशैली का उच्चस्तरीय जांच एवं उनके निलंबन की मांग किया है।

 

 

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