बिहार न्यूज़ लाईव पुष्कर/अजमेर डेस्क: (हरिप्रसाद शर्मा ) देव पितर कार्य अमावस्या गुरुवार को रहेगी ।इस दिन अमावस्या ज्योतिष पंचांग के आधार पर शाम 5:27 तक है ।मलमास धनु संक्रांति में पितृ अमावस्या के दिन पितरों के नाम से तर्पण -मार्जन, पिंड प्रधान, नारायण बलि, त्रिपिंडी श्राद्ध ,एक पिंडी श्रद्धा करने से दोगुना लाभ मिलता है तीर्थ में नदियों में समुद्री में स्नान करना देव दर्शन धार्मिक ग्रंथो का पाठन करना , पुष्कर जैसे महान तीर्थ में स्नान दान, परिक्रमा पूजन करना ,पितरों के नाम से सर्वश्रेष्ठ बताया है ।
गीता पाठ, विष्णु सहस्त्रनाम ,गोपाल सहस्त्रनाम, नारायण मंत्र का जाप आत्मिक शांति के लिए इन पितरों की आशीर्वाद के लिए सर्वश्रेष्ठ बताया ऐसा भी वर्णन है कि गरम भोजन पकवान एवं गर्म वस्त्र दान पुण्य करने का शास्त्रों में वर्णित है ।सन 2024 वर्ष की प्रथम पितृ अमावस्या गुरुवार को होना स्वयं नारायण को प्रसन्न करने का एवं पितृ शांति का श्रेष्ठ उपाय है ।तुलसी पत्र चढ़ाना ,पीपल पर पूजन करना ,वृक्ष लगाना ,सूर्य नमस्कार पूजन श्रेष्ठ बताया है ।
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