बिहार दिव्यांग टीम के कप्तान आसित कुमार सिंह जब मात्र 8 साल के थे, तब दीवाल से गिर गए। गंभीर चोट लगी और उनके हाथ का केहुना प्रभावित हुआ। वे राइट हैंड एल्बो स्टिफनेस से ग्रसित हो गए। यानी उनका एल्बो ठीक से काम नहीं करता। लगा की जिंदगी तबाह हो जायेगी। लेकिन पारिवारिक संबल के आधार पर बालक आसित ने दुर्घटना के असर को सहा और हौंसले के बल पर जीवन पथ पर आगे बढ़ चले। क्रिकेट से उन्हें बचपन से ही लगाव रहा। आसित वर्तमान में रेलवे के इलेक्ट्रिकल डिपार्टमेंट में कार्यरत हैं।
कुछ साल पहले बिहार की दिव्यांग क्रिकेट टीम नहीं थी। कभी कोई राष्ट्रीय स्तर का आयोजन होता था तो बिहार टीम के लिए खिलाड़ी भी पूरे नहीं हो पाते थे। कभी कभी बिहार टीम के गठन के लिए एक दो खिलाड़ियों को दूसरे टीमों से लेना पड़ता था। लेकिन अब बिहार टीम पूरी है। बिहार में भी दिव्यांग खिलाड़ियों का उत्साहवर्धन हो रहा है। यह देखकर आसित को खुशी मिलती है। आसित सीवान में दिव्यांग खिलाड़ियों के राष्ट्रीय स्तर के आयोजन को लेकर बेहद उत्साहित हैं और कहते हैं कि इस आयोजन से सीवान के दिव्यांग खिलाड़ियों का भी उत्साहवर्धन होगा।
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