बिहार न्यूज़ लाइव अररिया डेस्क: वरीय संवाददाता अंकित /अररिया। जिले के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र भरगामा में कथित रुप से स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी,कर्मी एवं बिचौलियों के मिलीभगत से निजी क्लिनिक में ईलाज के नाम पर अवैध उगाही का खेल थमने का नाम नहीं ले रहा है।
बताया जा रहा है कि भरगामा प्रखंड क्षेत्र के गरीब,असहाय लोग ईलाज हेतु प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र भरगामा जाते हैं,जहां स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी,कर्मी एवं बिचौलियों के मिलीभगत से विभिन्न बहाना बनाकर भरगामा अस्पताल में पदस्थापित प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी के भरगामा हाट स्थित सावित्री कंपलेक्स में उनके निजी माँ क्लिनिक में बीमारियों को ईलाज के लिए भेज दिया जाता है। इतना हीं नहीं चिकित्सा पदाधिकारी डॉक्टर संतोष कुमार पर लोगों का और भी कई गंभीर आरोप है। बताते चलें कि बीते जुलाई माह में लवली कुमारी को फस्ट पीरियड इशू हुआ था।
जिसके बाद लवली कुमारी दर्द से छटपटाने लगी थी। जिसको लेकर उनके परिजनों ने उन्हें भरगामा अस्पताल में देर रात्रि को भर्ती करवाया था। जिसके बाद उनके पिता मुन्ना मेहता ने भरगामा अस्पताल के नर्स के कहने पर आनन-फानन में रात्रि के लगभग एक बजे भरगामा अस्पताल में पदस्थापित प्रभारी चिकत्सा पदाधिकारी के भरगामा बाजार स्थित सावित्री कंपलेक्स में उनके निजी माँ क्लीनिक में भर्ती करवाया जिसके बाद प्रभारी चिकत्सा पदाधिकारी ने उनसे 19 हजार रूपया लेकर लवली का ईलाज शुरू किया। इसी तरह शंकरपुर वार्ड 06 निवासी रीना देवी पति संतोष कुमार ऋषिदेव ने प्रभारी चिकत्सा पदाधिकारी डॉक्टर संतोष कुमार पर अपने निजी क्लीनिक में 13 हजार रुपए डिलीवरी के नाम पर अवैध उगाही करने का आरोप लगाया है।
वहीं इस संबंध में प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी संतोष कुमार ने अपने ऊपर लगाए गए आरोप को बेबुनियाद बताया। ज्ञात हो कि बीते 25 अगस्त को हीं इलाज कराने पहुंचे लोगों का उस समय आक्रोश भड़क उठा,जब अस्पताल के चिकित्सकों एवं प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी द्वारा ईलाज में लापरवाही किया गया। जिसके वजह से शंभू विश्वास का भरगामा अस्पताल में हीं ईलाज के दौरान मौत हो गया था। जिसके बाद उनके परिजनों ने भरगामा अस्पताल में घंटों बवाल काटा था। और प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी पर अस्पताल से गायब रहकर अपना निजी क्लीनिक पर पूरे दिन मौजूद रहने का और अवैध उगाही के लिए भरगामा अस्पताल से बिचौलियों एवं नर्स के मिलीभगत से अपना निजी क्लीनिक में लोगों का इलाज करने का आरोप भी लगाया था। इस पूरे मामले में सिविल सर्जन विधानचंद्र सिंह ने बताया कि मामला बहुत गंभीर है। अगर प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी द्वारा इस तरह की लापरवाही की जा रही है तो तो उन पर जांचोंउपरांत कार्रवाई की जाएगी।