जमुई के छात्र की मेडिकल कॉलेज कोलकाता में संदिग्ध मौत पर परिजनों ने शव रखकर किया सड़क जाम।

Rakesh Gupta
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मृगांक शेखर सिंह/जमुई

जमुई जिला अंतर्गत चंद्रदीप थाना क्षेत्र के महतपुर गांव निवासी पवन कुमार सिंह के 25 वर्षीय पुत्र प्रियरंजन कुमार का शव कोलकाता के एक मेडिकल छात्रावास के कमरे में मिला था। इंसिच्यूट द्वारा इस घटना की सूचना परिजनों को दिया गया।कोलकाता पहुँचने पर सरकारी खाना पूर्ति के बाद शव को स्वजनों को सुपुर्द कर दिया गया। बता दें कि जमुई जिले के चंद्रदीप थाना क्षेत्र के महतपुर गांव निवासी पवन सिंह के 25 वर्षीय पुत्र प्रियरंजन का शव गांव पहुंचते ही परिजनों में कोहराम मच गया।

 

 

ग्रामीणों के साथ परिजनों ने शव को सिकंदरा नवादा मुख्य मार्ग स्थित चंद्रदीप चौक पर रखकर सड़क को जाम कर दिया।इस दौरान सड़क के दोनों किनारे सैकड़ों वाहन की कतारें लग गई। परिजनों ने बताया कि कोलकाता पुलिस इसे आत्महत्या बता रही है।मृतक छात्र के पिता पवन सिंह ने बताया कि हर रोज उससे बात होती थी ,कभी भी ऐसा नहीं लगता था कि वह तनाव में है,तो फिर आत्महत्या कैसे करेगा।मेरा पुत्र प्रियरंजन पढ़ने में तेज था, किसी से कोई मतलब नही रखता था।इस घटना को लेकर क्षेत्र के लोगो मे आक्रोश है। स्वजनों के साथ ग्रामीणों ने शव को चंद्रदीप चौक पर रखकर जाम कर दिया तथा सरकार से मामले की निष्पक्ष जांच कराने की मांग करने लगे।

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परिजनों का आरोप है कि इसकी हत्या कर दी गई है, जबकि कोलकाता पुलिस ने इसे आत्महत्या बता रही है। मृतक छात्र के बड़े भाईअमित रंजन कटक में इंजीनियर है। मृतक के पिता पवन सिंह ने बताया कि मेरा पुत्र प्रियरंजन कोलकाता के एन आई एल डी कॉलेज में मेडिकल का तैयारी कर रहा था। कॉलेज के सीनियर छात्र मेरे पुत्र प्रियरंजन को रैगिंग कर रहा था, जिसकी शिकायत मेरे पुत्र ने कॉलेज के प्रिंसिपल,डीन, प्रबंधन को किया था। शिकायत पर कॉलेज प्रबंधन मैनेज करके रैगिंग कर रहे सीनियर छात्र को 1 महीने के लिए सस्पेंड करके फिर से ज्वाइन करवा दिया। उसके बाद 29 तारीख को कॉलेज में पार्टी था, जिसमें मेरा पुत्र प्रियरंजन कुमार एंकरिंग एवं डांस के लिए तैयारी कर रहा था। मेरे पुत्र को मार कर टांग दिया गया।

 

रोते बिलखते मृतक छात्र प्रियरंजन के पिता पवन सिंह ने कहा कि यह सुसाइड का मामला नहीं है यह मामला हत्या का है। वहां का पुलिस प्रशासन कॉलेज प्रबंधन सब मैनेज है। साथ ही उन्होंने कहा कि बिहारी बच्चे क्या बिहार ही में ही पड़ेगा बिहार का बच्चा बाहर नहीं पढेगा। साथ ही उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल की सरकार इंसाफ नहीं किया है। इन्हीं सब बातों का रट लगाए शव के साथ परिजन जाम स्थल पर डटे रहे। परिजनों ने बिहार सरकार,जमुई के डीएम, एसपी से घटना का उच्च स्तरीय जांच करवाते हुए इंसाफ करने की मांग किया।लगभग 3 घंटे तक सड़क जाम रहने के बाद इस्लामनगर अलीगंज के प्रखंड विकास पदाधिकारी विवेक कुमार,अंचलाधिकारी अरविंद कुमार,चंद्रदीप थानाध्यक्ष अब्दुल हलीम मौके पर पहुंचकर परिजनों और ग्रामीणों समझा बुझाकर जाम हटवाया।

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