रास्ता की मांग को लेकर ग्रामीणों ने लिया वोट बहिष्कार का निर्णय ।
: डीएम विजय प्रकाश मीणा के निर्देशन में ग्रामीणों को रिझाने पहुंचे बीडीओ और सीओ :
बिहार न्यूज़ लाइव मधेपुरा डेस्क जिला संवाददाता रंजीत कुमार मधेपुरा सदर प्रखंड के मानिकपुर गांव में रास्ते की मांग को लेकर ग्रामीणों ने दिया वोट बहिष्कार की धमकी कहा जब तक समस्याओं का नहीं हो जाता है समाधान तब तक जारी रहेगा वोट बहिष्कार । बता दें कि लोकसभा चुनाव में ग्रामीणों के द्वारा वोट बहिष्कार का ऐलान पर आज हरकत में आए जिला प्रशासन डीएम विजय प्रकाश मीना के निर्देशन में गांव पहुंचे मधेपुरा सदर प्रखंड के बीडीओ और सीओ केशिका झा ने ग्रामीणों से को वार्ता जहां ग्रामीणों को तत्काल दिया गया भरसक आश्वासन समस्याओं की निदान हेतु जिला प्रशासन है खुद तैयार बहुत जल्द समस्याओं का हो जाएगा निदान। वहीं सदर प्रखंड के बीडीओ अखिलेश कुमार और सीओ केशिका झा ने मानिकपुर में करीब एक घंटे तक स्थानीय लोगों से बात की और तत्काल समस्या समाधान के दिशा में पहल का आश्वासन दिया। अधिकारियों ने आश्वासन दिया कि उन लोगों की समस्या को जिलाधिकारी के समक्ष रखा जाएगा और रेलवे प्रशासन से बात कर जल्द समस्या की समाधान के दिशा में प्रयास किया जाएगा। हालांकि लोगों ने अधिकारियों को वोट बहिष्कार के निर्णय वापस लेने का तत्काल आश्वासन भी दिया। बीडीओ अखिलेश कुमार ने कहा कि ग्रामीणों से वार्ता सफल रही है। सभी ग्रामीणों ने लोकतंत्र के महापर्व में सहयोग का आश्वासन भी दिया है।
दरअसल मतदान केंद्र रेलवे ट्रैक के दूसरी तरफ मानिकपुर वार्ड एक, दो और तीन के लोगों का मानना है कि एनएच-107 मुख्य सड़क पर रेलवे ट्रैक पार कर जाना पड़ता है जो महज 300 मीटर की दूरी तय करनी पड़ती है। कुछ माह पूर्व रेलवे प्रशासन ट्रैक के दोनों तरफ पिलर गाड़ दिया है।जिस कारण दूसरी तरफ से घूम कर एनएच पर जाने में लगभग 7 किलोमीटर की दूरी तय करनी पड़ती है। जिससे खासकर बरसात के दिनो काफी परेशानी होती है। लोगों ने कहा कि हम लोगों का मतदान केंद्र भी रेलवे ट्रैक के दूसरी तरफ है। इस कारण से हम लोगों को 7 किलोमीटर की दूरी तय कर वोट देने के लिए जाना पड़ेगा।
इतना हीं नहीं गांव के बच्चों को स्कूल जाने में भी भारी परेशानी होती है। अगर प्रशासन रेलवे ट्रैक के समीप अंडर पास या बगल से लगभग 300 मीटर का सड़क बना देता है, तो हम ग्रामीण लोगों की समस्या का समाधान हो जाएगा। बहरहाल सैकड़ों की संख्या में ग्रामीण अपनी मांग पर अड़े हैं अब देखना दिलचस्प होगा क्या जिला प्रशासन और सरकारी तंत्र इन आक्रोशित लोगों कितना रिझा पाते और वोट बहिष्कार को समावेशी स्वीप कार्यक्रम में बदल पाते है यह आने वाला वक्त हीं बताएगा फिलहाल ग्रामीणों में आक्रोश व्याप्त है।
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