बड़ा ही कठिन है डगर पनघट की छपरा विधानसभा सीट फंसा मतदाताओं के पेच में

Rakesh Gupta
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छपरा : वैसे तो प्रायः लोकसभा और विधानसभा के चुनाव में ऐसा देखा जाता है कि आमने-सामने की टक्कर या त्रिकोणीय मुकाबला या चतुष्कोणीय मुकाबला कुछ ना कुछ सीटों पर देखने को मिल जाता है। लेकिन 2025 के विधानसभा चुनाव में मतदाताओं के पेच में फंस गया है । यहां हर उम्मीदवार के लिए यह कहानी चरितार्थ होती है कि बहुत ही कठिन है डगर पनघट की। सभी 10 उम्मीदवार जिसमें चार निर्दलीय एवं 6 विभिन्न पार्टियों से चुनाव लड़ रहे हैं। अपने-अपने पक्ष में मतदाताओं को रिझाने के भरपूर कोशिश कर रहे हैं। इसमें बहुत से उम्मीदवार ऐसे हैं जिनकी स्थानीय जनता पर पकड़ भी है और वे सामाजिक कार्यों में बढ़ चढ़ के भाग भी लेते रहते हैं।

छपरा नगर निगम के मेयर पद के चुनाव से सुर्खियों में आई निर्दलीय प्रत्याशी राखी गुप्ता अपने सामाजिक कार्य, गरीबों और दीन दुखियों के बीमारी में इलाज में तत्पर रहने के कारण काफी सुर्खियों में रही है। ये शुरू से भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवारी की प्रबल दावेदार थीं लेकिन इनको भाजपा से टिकट नहीं मिला तो निर्दलीय मैदान में कूद पड़ी है तथा अपने समर्थकों के साथ दिन-रात एक कर मतदाताओं को अपने पक्ष में करने का प्रयास कर रही है। नरपालिक चौक पर चाय की दुकान पर आम मतदाताओं ने कहा कि राखी गुप्ता कोरोना काल में राखी गुप्ता ने क्षेत्र के लोगों को काफी मदद की थी। भाजपा के टिकट नहीं मिलने से लोगों में नाराजगी दिखी। 

वहीं सारण जिले की परसा की रहने वाली छपरा सीट की भाजपा की उम्मीदवार छोटी कुमारी जिला परिषद की सदस्य रह चुकी है तथा उनके पति भाजपा के पद धारकों में से हैं। इनको छपरा की सीट पर भाजपा ने अपना उम्मीदवार बनाया है तथा एनडीए के सपोर्ट से अपने जीत की दावे कर रही हैं।वहीं महागठबंधन के तरफ से राजनीति अखाड़े में पहली बार उतरे सेलिब्रिटी खेसारी लाल यादव राजद के टिकट पर छपरा में चुनाव लड़ रहे हैं। काफी युवा उनके सभाओं में एकत्रित हो रहे हैं। इनका कहना है कि रिल लाइफ को छोड़ अब रियल लाइफ में समाज की सेवा करना चाहता हूं और छपरा के विकास के लिए आया हूं यह भी अपने जीत की प्रबल दावेदारी रखते हैं। ब्रह्मपुर में वार्ता के दौरान युवाओं ने कहा कि हम लोग तो खेसारी के साथ है।

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वही महाकुंभ मेले के दौरान तीर्थयार्थियों की सेवा के बदौलत सुर्खियों में आए राणा यशवंत प्रताप सिंह एक सामाजिक कार्यकर्ता है ये भाजपा के साथ भी रहे हैं तथा टिकट के दावेदार थे। टिकट नहीं मिलने के कारण राणा यशवंत प्रताप निर्दलीय अपनी ताल छपरा के लिए ठोके हुए हैं। 


निर्दलीय प्रत्याशी मोहम्मद सुल्तान इदरीसी जो छपरा शहर के चर्चित चेहरों में रहते हैं यह सामाजिक कार्य एवं स्थानीय मुद्दे के लिए बराबर अपनी जंग छेड़े रहते हैं यह भी अपने कार्यों के बदौलत मैदान में ताल ठोके हुए हैं। शहरी क्षेत्र के इमरान,सर्वर,कादिर एवं अन्य ने कहा कि आज तक सभी पार्टियां हमलोगो का इस्तमाल की है।इस बार हम सुल्तान इदरीसी के साथ है।

वहीं निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में पद्मा मिश्रा चुनावी क्षेत्र में जमी हुई है।

छपरा विधानसभा सीट से जनसुरज पार्टी ने पूर्व आईपीएस अधिकारी जयप्रकाश सिंह को अपना उम्मीदवार बनाया गया है। जयप्रकाश सिंह मांझी थाना क्षेत्र के रहने वाले हैं तथा ये डिसिप्लिन, क्षेत्र के विकास एवं युवाओं की पढ़ाई आदि के मुद्दा पर चुनाव मैदान में ताल ठोके हुए है।भारतीय एकता दल के ज्ञानी कुमार शर्मा , भारतीय लोक चेतना पार्टी के राजेश कुशवाहा तथा आजाद समाज पार्टी के शेख भी मतदाताओं से अपील कर है ।

आम मतदाता है चुप
विभिन्न पार्टियों के कार्यकर्ता एवं पार्टी के सदस्य तो अपने-अपने पार्टियों के जीत की दवा कर रहे हैं। लेकिन जो आम मतदाता होते हैं जिनका किसी भी पार्टी से मतलब नहीं है वह अभी अपनी चुप्पी नहीं तोड़ पाए हैं। ज्यादातर लोगों ने वार्ता के क्रम में बताया कि यह गुप्त मतदान है मतदान केंद्र पर जाने के बाद ही हम अपने मनपसंद के उम्मीदवार को मत देंगे और इन्हीं मतदाताओं का चुप्पी के पेच में दसों प्रत्याशी फंसे हुए हैं। अब देखना है की 6 नवंबर को ऊंट किस करवट बैठेगा। अभी रहस्य बना हुआ है।
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