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जयपुर: छात्र संघ के चुनाव से दिनों दिन सियासत गरमाने लगी…..

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*मुख्यमंत्री गहलोत आरएलपी सुप्रीमो बेनीवाल के निशाने पर

*हार से बचने के लिए गहलोत सरकार ने चुनाव पर लगाई रोक

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बिहार न्यूज़ लाइव जयपुर डेस्क:  जयपुर /(हरिप्रसाद शर्मा) राजस्थान में छात्र संघ चुनाव पर रोक लगने के बाद सियासी पारा जमकर चढ़ा हुआ है। छात्र संघ चुनाव को लेकर भाजपा कांग्रेस सरकार पर जमकर हमला बोल रही है। इस बीच भाजपा के नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने भी गहलोत सरकार पर जमकर हमले किए हैं। इसके अलावा छात्र संघ चुनाव को लेकर नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल भी पक्ष में उतर आए हैं। जहां उन्होंने छात्र संघ चुनाव नहीं होने की स्थिति में आंदोलन करने की चेतावनी भी दे डाली है।

बताया जाता है कि राजस्थान विधानसभा चुनाव के चलते इस बार गहलोत सरकार ने छात्र संघ चुनाव पर रोक लगा दी हैं। इसको लेकर युवाओं में सरकार के खिलाफ आक्रोश फैलता जा रहा है। वहीं छात्र संघ चुनाव को लेकर गत दिनों राजस्थान यूनिवर्सिटी में भी छात्रों ने जमकर बवाल किया। इस दौरान कुलपति कार्यालय सचिवालय की तालाबंदी भी की गई। वही जेएलएन मार्ग पर धरना देने के दौरान पुलिस ने छात्रों पर लाठीचार्ज किया। छात्र संघ चुनाव नहीं होने का मामला अब तूल पकड़ता जा रहा है।

राजस्थान में छात्र संघ चुनाव पर रोक लगने के बाद नागौर के सांसद हनुमान बेनीवाल के बगावती तेवर सामने आए हैं। उन्होंने ट्वीट किया कि राजस्थान में विश्वविद्यालय और महाविद्यालय में छात्र संघ चुनाव नहीं करवाने का निर्णय पूरी तरह से गलत है। छात्र संघ चुनाव से युवाओं को राजनीति में आगे बढ़ने का मार्ग मिलता है। लेकिन राजस्थान की हठधर्मी सरकार किसी को आगे बढ़ते हुए शायद देखना पसंद नहीं कर रही है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में तीसरे मोर्चे के प्रभाव, छात्र संघ चुनाव में भी थर्ड फ्रंट के बढ़ते बोल बाले से घबरा गई है। उन्होंने चेतावनी दी है कि मुख्यमंत्री के स्तर पर अगर जल्द ही छात्र संघ चुनाव करवाने का निर्णय नहीं लिया गया तो, आरएलपी प्रदेश भर में आंदोलन करेगी।

नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने छात्र संघ चुनाव पर रोक लगाने को लेकर गहलोत सरकार को जमकर घेरा। उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार पिछले छात्रसंघ चुनाव के दौरान मिली करारी हार से डरी हुई है। पिछली बार छात्र संघ चुनाव में कांग्रेस का छात्र संगठन एनएसयूआई का एक भी प्रत्याशी किसी भी विश्वविद्यालय में नहीं जीता। इसके कारण एनएसयूआई की मिट्टी पलीत होने और संभावित हार से बचने के लिए गहलोत सरकार ने छात्रसंघ चुनाव पर रोक लगाई है। जो दुर्भाग्य से जनक हैं। उन्होंने कहा कि लोकतांत्रिक व्यवस्था में छात्रसंघ चुनाव राजनीति की पहली सीढ़ी है।

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