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जयपुर: मोदी, शाह और नड्डा करेंगे शीघ्र नाम का फैसला

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*राज भवन शपथ के लिए तैयार
*शनिवार या रविवार को शपथ संभव

बिहार न्यूज़ लाइव जयपुर डेस्क: जयपुर/(हरिप्रसाद शर्मा) मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर अब कई प्रश्न खड़े होने लगे हैं। मंगलवार से राजभवन का परिसर नए मंत्रियों को शपथ दिलाने के लिए तैयार है। अब तक के इतिहास में यह पहला मौका है कि राजभवन में पंडाल बनकर तैयार हो जाए और शपथ ग्रहण समारोह का आयोजन टाल दिया जाए, यह कभी देखा और सुना नहीं।
मंत्रिमंडल विस्तार की इन परिस्थितियों को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत सहित कांग्रेस के नेता भी अब सवाल कर रहे हैं कि भाजपा में ऐसा क्या हो गया कि मंत्रियों के नाम तय नहीं हो पा रहे हैं। चाहे कुछ भी कहो लेकिन यह अनिश्चिता का माहौल निश्चित तौर पर कामकाज पर विपरीत प्रभाव डालता है।
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा और उप मुख्यमंत्री दिया कुमारी के साथ ही प्रेमचंद बेरवा को शपथ लिए 10 दिन का समय बीत गया है। दोनों उप मुख्यमंत्रियों को विभाग का आवंटन नहीं हुआ है ऐसे में दोनों मुख्यमंत्री भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की विकसित भारत यात्रा संकल्प के कार्यक्रम में विभिन्न जिलों में जाकर अपनी उपस्थिति दर्ज कर रहे हैं। मुख्यमंत्री शर्मा ने कुछ निर्णय जरूर लिए हैं जो आम लोगों को प्रभावित करने वाले हैं। लेकिन वे भी दोनों उप मुख्यमंत्री को लेकर अधिकारियों के साथ बैठक नहीं कर पा रहे हैं।
अब चर्चा जोरों पर है कि 29 या 30 दिसंबर शनिवार या रविवार दोनों में से किसी भी दिन मंत्रियों की शपथ कराई जाएगी। बुधवार मुख्यमंत्री शर्मा के अस्थाई निवास ओटीएस पर भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी, प्रतिपक्ष के नेता राजेंद्र राठौड़ और पूर्व प्रदेश अध्यक्ष डॉ. अरुण चतुर्वेदी के बीच मंत्रिमंडल और लोकसभा के चुनाव की रणनीति को लेकर चर्चा की गई। लेकिन अभी तक संगठन ने नए संभावित मंत्रियों के 30 नाम की सूची केंद्रीय नेतृत्व के पास भेजी थी उसे पर निर्णय नहीं हो पाना और समय लगा दोनों ही परिस्थितियों राजनीतिक तौर पर कई सवाल पैदा करती है। मौजूदा स्थिति में सबसे ज्यादा 23 विधायक अनुसूचित जाति के जीत कर आए हैं। इसमें से प्रेमचंद बैरवा को उपमुख्यमंत्री बनाया जा चुका है।अब चार और मंत्री बनाए जाने हैं अनीता भदेल ,योगेश्वर गर्ग,मदन दिलावर और मंजू बाघवान के नाम शामिल है। अनुसूचित जनजाति के 16 विधायक जीते हैं ऐसे में उनके 4 मंत्री बनाए जाने हैं इसमें से डॉ. करोड़ी लाल मीणा, बाबूलाल खराड़ी, कंवरलाल मीणा, ललित मीणा, फूलचंद मीणा के नाम शामिल है।
17 राजपूत जीत कर आए हैं। ऐसे में इस समाज के चार मंत्रियों के बनाए जाने की चर्चा है। इसमें से दिया कुमारी को उप मुख्यमंत्री का पद दिया जा चुका है अब गजेंद्र सिंह खींवसर, पुष्पेंद्र सिंह राणावत, राज्यवर्धन सिंह, कल्पना सिंह, सिद्धि कुमारी और विश्वराज सिंह मेवाड़ राजघराने के सदस्य में से दो या तीन को मंत्री बनाया जा सकता है। 12 जाट से विधायक जीते हैं इसमें अजय क्लिक, सुमित गोदारा,जबर सिंह खर्रा, कन्हैया लाल चौधरी, जगत सिंह, डॉ. शैलेश सिंह और भैराराम सियोल में से तीन को मंत्री बनाया जाएगा।

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12 ब्राह्मण विधायक जीते हैं इसमें से भजनलाल शर्मा मुख्यमंत्री बन चुके हैं दो और विधायकों को मंत्री बनाया जा सकता है इसमें संजय शर्मा,शत्रुघ्न गौतम,संदीप शर्माऔर जेठालाल व्यास के नाम शामिल है।वैश्य समाज में से आठ विधायक जीते हैं ऐसे में कालीचरण सराफ, प्रताप सिंह सिंघवी,दीप्ति किरण महेश्वरी और ताराचंद जैन में से दो को मंत्री बनाए जाने की चर्चा है। गुर्जर जाति के पांच विधायक जीते हैं इसमें से हंसराज पटेल,जवाहर बेढम,उदयलाल भड़ाना और सुरेश गुर्जर के नाम शामिल है। इसमें से दो को मंत्री बनाया जा सकता है।

 

श्रीचंद कृपलानी, जोगाराम, पटेल, हीरालाल नागर, सुरेश रावत,अविनाश गहलोत, ओटाराम देवासी,बाबा बालक नाथ को भी मंत्री बनाए जाने की चर्चा जोरों पर है । इन लोगों में से किन को मंत्री चुना जाए यह केंद्र के सामने एक चुनौती पूर्ण कार्य है। यही कारण है कि अब ऐसा फार्मूला बनाया जा रहा है जिससे कि मंत्री विस्तार भी संभव हो सके। यह कहा जा रहा है कि अगर किसी समाज में अधिकांश विधायक पहली बार चुनकर आए हैं तो उनमें से मंत्री बनाए जाने की समस्या ज्यादा पैदा हो गई है।

अब प्रदेश में 50 जिले हैं और 10 संभाग ऐसे में सभी जिलों में मंत्री बनाया जाना संभव नहीं हो पा रहा है। यही कारण है कि मंत्रियों के चयन में केंद्र को परेशानी हो रही है। लोकसभा चुनाव को देखते हुए सभी समाज के विधायकों को मंत्री पद दिए जाने की जरूरत है जिससे कि यह कहा जा सके कि भाजपा सभी को नेतृत्व देने का काम करती है।

 

अब देखना यह है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के साथ राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा इस समस्या का समाधान कैसे करते हैं। यही कारण है कि मंत्रियों के चयन को लेकर अब तक समस्या का निदान नहीं हो पा रहा है। चलो शनिवार या रविवार तक का इंतजार करो केंद्र का चौकाने वाला फैसला सामने आ ही जाएगा।

 

 

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