बिहार न्यूज़ लाईव सारण डेस्क: फारबिसगंज। प्रखंड के अड़राहा पंचायत के मुखिया मनोज कुमार उर्फ बबलू यादव के पिता बिनोद यादव का प्रथम पुण्यतिथि उनके पैतृक गांव सैफगंज पंचायत के बेलही में बुधवार को मनाई गई। बिनोद बाबू कई सामाजिक कार्य किए हैं कई बस्ती को अपने निजी जमीन में बसाने का काम किए हैं.
बिनोद बाबू का जन्म 5 अक्टूबर 1943 को हुआ था तथा देहावसान गत वर्ष 4 अगस्त 2023 को हृदय गति रुकने के कारण हो गई थी। उनकी शिक्षा-दीक्षा उच्च माध्यमिक विद्यालय से अधिक ना हो सकी,परंतु वे शिक्षा के महत्व को बेहतर समझते थे. बच्चों तथा गांव-समाज में भी शिक्षा के प्रसार के लिए कार्य करते रहे. शिक्षित एवं विद्वान लोगों के लिए उनके मन में बड़ा सम्मान हुआ करता था.
शिक्षा,संगीत,लोक-कला व लोक-संस्कृति से जुड़े लोगों के प्रति उनका स्नेह सर्वविदित था. चाहे वह आल्हा जाने वाला हो या बिरहा गाने वाला,मदारी हो या तमाशे वाला, उन्हें पुरस्कृत किए बिना न रहते. स्थानीय,क्षेत्रीय,दलित-आदिवासी समुदाय से उनका गहरा लगाव था.इनके उत्थान,बेहतरी, विकास एवं सहायता के लिए हमेशा आगे रहते थे. उनका मन बड़ा ही उदार था,उनके सामने कोई भी भूखा नहीं रह सकता पहले आगन्तुक को भोजन कराने के बाद ही वे खुद अन्न ग्रहण करते. अभावग्रस्त एवं जरूरतमंदों की मदद करना उनके स्वभाव में समाहित था. पशु-पक्षियों से भी काफी प्रेम करते थे.
तोता,पंडुक,कोयल,बटेर एवं कबूतर आदि उन्हें आवाज से पहचानते और बुलाते हीं आकर बाहों एवं कंधों पर बैठ जाते. गाय व बछड़े देखते ही आवाज़ लगाते,घोड़े उनके इशारों से ही आदेश समझ जाते थे. पर्यावरण-सुरक्षा एक आधुनिक विषय होने के बावजूद उन्हें इसकी अच्छी समझ थी. प्रकृति की रक्षा एवं पर्यावरण संतुलन की वे सदा चिंता करते थे. उन्होंने अपने बगीचे में तरह-तरह के फलदार वृक्ष लगाएं,यदि आम है तो सभी प्रजातियों के होने चाहिए.
लीची,अमरुद,चीकू,बेल,ताड़-खजूर के भी पेड़ लगवाए. उनकी विचारधारा धर्मनिरपेक्ष थी,सभी धर्म के लोगों से उनकी अच्छी मित्रता होती थी और उनका बहुत सम्मान करते थे. सभी भाषा धर्म का आदर करना उनका स्वभाव था. व्यक्तिगत तौर पर बड़े सत्यनिष्ठ थे,जो कहते थे-वही करते थे,यदि कुछ निर्णय ले लिए तो फिर उसे वापस लेना उनके स्वभाव में नहीं था,नफा-नुकसान या लाभ-हानि की कभी चिंता नहीं करते थे. उनके परिवार में तीन पुत्र एवं तीन पुत्रियां हैं. सभी समाज से जुड़े हैं एवं अपने पिता की भांति गांव-समाज के साथ जुड़े रहते हैं और उनके कार्यक्रम सुख-दुख में शामिल होते हैं.
बड़े पुत्र निरंजन कुमार यूनियन बैंक ऑफ इंडिया में कार्यपालक श्रेणी में कार्यरत हैं,द्वितीय सुरंजन कुमार कृषक हैं तथा तृतीय मनोज कुमार ग्राम पंचायत अड़राहा का प्रतिनिधित्व मुखिया के रूप में कर रहे हैं. आज के आधुनिक समाज में ऐसे लोगों का बहुत ही आभाव होता जा रहा हैं. उनकी कमी आज गांव-समाज का प्रत्येक व्यक्ति महसूस करता है. उनके प्रथम पुण्य तिथि पर उन्हें याद किया किया गया साथ हीं सैकड़ों साधु महात्माओं के लिए भंडारा का भी आयोजन किया गया.
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