भागलपुर: लोकसभा आम निर्वाचन के दौरान प्रिंट एवं इलेक्ट्रानिक मीडिया तथा राजनीतिक दलों,अभ्यर्थियों के लिए भारत निर्वाचन आयोग द्वारा जारी मार्ग निर्देशन।
भागलपुर, बिहार न्यूज लाईव। सोमवार को जिलाधिकारी डॉ नवल किशोर चौधरी ने प्रेस वार्ता कर जानकारी दी। लोकसभा आम निर्वाचन को लेकर भागलपुर में एमसीएमसी मीडिया कोषांग की गठन किया गया है। लोकसभा आम निर्वाचन के दौरान प्रिंट एवं इलेक्ट्रानिक मीडिया तथा राजनीतिक दलों,अभ्यर्थियों के लिए भारत निर्वाचन आयोग द्वारा जारी मार्ग निर्देशन को डीएम ने बताया कीकिसी भी राजनीतिक दल , प्रत्याशी के संदर्भ में अप्रत्याशित रूप से बढ़ा-चढ़ाकर एवं आवश्यकता से अधिक स्थान , समय प्रदान कर समाचार प्रसारित या प्रकाशित करना पेड न्यूज माना जायेगा। इसके लिए संबंधित प्रिट, इलेक्ट्रानिक मीडिया को नोटिस जारी की जाएगी। संतोषप्रद उत्तर प्राप्त नहीं होने पर अग्रेतर कार्रवाई की जाएगी। साथ ही उस प्रसारित, प्रकाशित समाचार के व्यय को डीएवीपी दर पर संबंधित राजनीतिक दल,अभ्यर्थी के खाते में जोड़ा जाएगा। कोई भी समाचार धर्म, जाति, लिंग, वर्ग, समुदाय के आधार पर द्देश्य उत्पन्न करने वाला या किसी की भावना को ठेस पहुंचाने वाला या राष्ट्र की एकता और अखंडता को प्रभावित करने वाला या अन्य देशों से संबंध बिगड़ने वाला समाचार प्रसारित नहीं किया जाएगा। ऐसा पाए जाने पर संबंधित मीडिया एजेंसी के विरुद्ध भारतीय दंड संहीता (आईपीसी) तथा लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 के सुसंगत धाराओं में सख्त कार्रवाई की जाएगी।इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से राज्य स्तर पर प्रसारित किए जाने वाले विज्ञापन राज्य स्तरीय एमसीएमसी कमेटी से तथा जिला स्तर पर प्रसारित किए जाने वाले इलेक्ट्रॉनिक विज्ञापन जिला स्तरीय एमसीएमसी से प्रमाणित करवाना अनिवार्य होगा।इसके लिए भारत निर्वाचन आयोग द्वारा जारी विहित प्रपत्र में अपना आवेदन चार दिन फॉर्म में 96 घण्टे पूर्व प्रचार सामग्री (इलेक्ट्रॉनिक के साथ उपलब्ध कराना होगा। इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से यदि जिला स्तर पर कोई विज्ञापन प्रसारित किया जा रहा है वह राज्य स्तरीय या केंद्र स्तरीय एमसीएमसी कमेटी से प्रमाणित है तो उसकी सूचना जि निर्वाचन पदाधिकारी को उपलब्ध कराना होगा।
इसके लिए मीडिया कोषांग भागलपुर जानकारी उपलब्ध करा दी जाए। मतदान तिथि या उसके एक दिन पूर्व यदि कोई विज्ञापन प्रिंट मीडिया में प्रकाशित कराया है तो वह विज्ञापन केंद्र स्तरीय, राज्य स्तरीय या जिला स्तरीय एमसीएमसी कमेटी से प्रम करवाना अनिवार्य है।स्थानीय भागलपुर लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र के अभ्यर्थियों के पक्ष में प्रकाशित प्रसारित को डीएवीपी दर पर गणना करते हुए विज्ञापन व्यय राशि को संबंधित जाएगा। अभ्यर्थी के खाते राजनीतिक दल द्वारा प्रकाशित-प्रसारित विज्ञापन को डीएवीपी के दर पर संबंधित राज् दल के खाते में जोड़ा जाएगा।
निर्वाचन के दौरान मतदाताओं को दिग्भ्रमित करने के लिए फेक न्यूज, डीप फेक न्यूज (3) का प्रसारण किया जाता रहा है।उदाहरण स्वरूप ईवीएम में छेड़छाड़ किया जा रहा है। किसी खास प्रत्याशी के पक्ष में मतदान करवाया जा रहा है।वैलेट पेपर में प्रत्याशी का सही नाम नहीं है। किसी जाति विशेष के मतदाताओं को मतदान करने नहीं दिया जा रहा है।किसी जाति विशेष के मतदाताओं को मतदान करने नहीं दिया जा रहा है।किसी खास वर्ग के मतदाता को मतदान करने से रोका जा रहा है।मतदान केंद्र पर किसी खास प्रत्याशी के पक्ष में मतदान कर्मी द्वारा मतदान कराया जा रहा है।प्रतिनियुक्त पुलिस, सैन्य बल द्वारा किसी खास प्रत्याशी को मतदान करने के लिए दबाव बनाया जा रहा है।
किसी धर्म, जाति विशेष के लोगों को मतदान करने से रोका जा रहा है।ईवीएम सही से काम नहीं कर रहा है।वीवीपीएटी में सही पर्ची नहीं दिख रहा है।मतगणना में धांधली की जा रही है।पूर्व के किसी घटना का वीडियो क्लिप एवं फोटो वर्तमान से जोड़कर डीप फेक न्यूज प्रसारित करने की घटना पूर्व के चुनावों में सामने आई है, जिसमें सख्त कार्रवाई भी की गई है।
इस तरह के फेक न्यूज के लिए संबंधित मीडिया एजेंसी के साथ संबंधित संवाददाता के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज कराई जाएगी, जिसमे आईटी एक्ट 2000 की धारा 67, 69, भारतीय दंड सहिता की धारा 505, 153(a), 298, 171e, 471 लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 94, 126()) (e) एवं 126 (ए) के अधिरोपित करते हुए सखा कार्रवाई की जाएगी।आईटी एक्ट की धाराओं के अंतर्गत कार्रवाई 67- यदि अश्लील सामग्रियों का संरक्षण या प्रसारित इलेक्ट्रॉनिक फॉर्म में किया जाता है तो इस धारा के तहत कार्रवाई की जाएगी। इसमें 3 साल तक का कैद एवं जुर्माना या दोनों से दड़ित किया जाता है। 69- यह धारा सरकार को राष्ट्रीय सुरक्षा के हित में किसी भी कप्यूटर स्रोत द्वारा सृजित, संचारित, भंडारित सूचना के स्रोत तक पहुंचने की शक्ति प्रदान क करती है।
इसके लिए सरकारी अधिकारी को दोषमुक्त रखा गया है। भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के अंतर्गत कार्रवाई धारा 153 (2) धर्म, जाति, जन्म स्थान, निवास, भाषा आदि के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच शत्रुता को बढ़ावा देना और सद्भाव के प्रतिकूल कार्य करना। यह दंडनीय अपराध होगा, जिसमें आरोपी को पाँच वर्ष तक के कारावास और आर्थिक जुर्माने की सजा दी जा सकती है।
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