*अढ़ाई दिन के झोपड़े में कुछ समय पूर्व संस्कृत महाविद्यालय होने का दावा
*अढ़ाई दिन का झोपड़ा एक ऐतिहासिक वास्तुकला व महल का स्थान
बिहार न्यूज़ लाइव अजमेर डेस्क अजमेर/(हरिप्रसाद शर्मा)ख्वाजा गरीब नवाज की दरगाह के पास स्थित अढ़ाई दिन के झोपड़े में कुछ समय पूर्व संस्कृत महाविद्यालय होने का दावा किया गया था। अब जैन समाज के सुनील सागर महाराज ने अढ़ाई दिन के झोपड़े में जैन स्थल होने की बात कही है।
जैन समाज के सुनील सागर महाराज फव्वारा सर्कल से दरगाह बाजार होते हुए अढ़ाई दिन के झोपड़े पहुंचे। जैन समाज के अनुसार अढ़ाई दिन का झोपड़ा पूर्व में संस्कृत विद्यालय होने से भी पहले एक जैन मंदिर या स्थल था, जिसको लेकर उन्होंने यहां से साक्ष्य भी जुटाए।
जैन संत सुनील सागर महाराज ने कहा कि इतिहास समय-समय पर बदलता रहता है, ऐसे में सभी को उदारता रखनी चाहिए। अढ़ाई दिन का झोपड़ा एक ऐतिहासिक वास्तुकला व महल का स्थान था लेकिन अब यह मस्जिद के रूप में दिखाई दे रहा है। यहां कई ऐतिहासिक मूर्तियां भी स्थापित थीं, जिन्हें खंडित किया गया है।
उन्होंने कहा कि सबकी अपनी-अपनी धारणाएं होती हैं लेकिन विरासत की सुरक्षा बनी रहे ऐसे में शांति और सद्भावना की आवश्यकता है। संतों के झोपड़े में प्रवेश के दौरान स्थानीय मौलाना ने उन्हें यह कहते हुए रोकने का प्रयास किया कि आप नग्न अवस्था में अंदर प्रवेश नहीं कर सकते, जिस पर विश्व हिंदू परिषद के मौजूद पदाधिकारियों ने हस्तक्षेप करते हुए मामला समाप्त किया। सुनील सागर महाराज के साथ अन्य संत व साध्वियों समेत विश्व हिंदू परिषद व बजरंग दल के पदाधिकारी और पुलिस के जवान भी मौजूद थे।
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