टीबी को जड़ से खत्म करने के लिये चिह्नित पंचायतों में संचालित होगा विशेष अभियान
चिह्नित पंचायत में दो से कम टीबी मरीज मिलने पर टीबी मुक्त पंचायत का मिलेगा दर्जा
बिहार न्यूज़ लाइव अररिया डेस्क: अररिया ।
देश को 2025 तक टीबी मुक्त बनाने को लक्ष्य निर्धारित है। निर्धारित लक्ष्य प्राप्ति के उद्देश्य से अब टीबी मुक्त पंचायत अभियान की शुरूआत की गई है। इस महत्वपूर्ण अभियान की शुरूआत 24 मार्च को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी से की है। गौरतलब है कि टीबी मुक्त ग्राम पंचायत अभियान की सफलता को लेकर पंचायती राज मंत्रालय व स्वास्थ्य व परिवार कल्याण मंत्रालय के संयुक्त तत्वावधान में पूरे देश में विशेष अभियान संचालित किया जायेगा। अभियान की सफलता को लेकर जिला संचारी रोग नियंत्रण पदाधिकारी, जिला अनुश्रवण व मूल्यांकन पदाधिकारी, सलाहकार को राज्य स्तर पर प्रशिक्षण दिया जा चुका है।
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*प्रति एक हजार आबादी पर संभावित 50 लोगों की होगी जांच*
जिला संचारी रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ वाईपी सिंह ने अभियान की जानकारी देते हुए बताया कि अभियान के तहत पूर्व में टीबी से गंभीर रूप से प्रभावित पंचायतों को चिह्नित किया जायेगा। चिह्नित पंचायतों में प्रति एक हजार आबादी पर संभावित 50 लोगों की जांच की जायेगी। इस क्रम में अगर टीबी के दो से कम मरीज मिलते हैं। अन्यथा उक्त पंचायत के 80 फीसदी राजस्व ग्राम में सामान्य स्थिति पाये जाने पर संबंधित पंचायत के मुखिया जिलाधिकारी को लिखित रूप से पंचायत को टीबी मुक्त घोषित करने का आग्रह करेंगे। जिला यक्ष्मा कार्यालय द्वारा जांच में उक्त तथ्यों के सही पाये जाने पर उक्त पंचायत टीबी मुक्त माना जायेगा। इसके लिये चिह्नित पंचायतों में वार्ड वार विभिन्न कार्यक्रम किये जायेंगे।
*वार्डवार होंगे जागरूकता संबंधी कार्यक्रम*
जिला टीबी समन्वयक दामोदर शर्मा ने बताया कि टीबी मुक्त पंचायत अभियान के क्रम में चिह्नित पंचायतों में सक्रिय टीबी खोज अभियान, स्वास्थ्य शिविरों का आयोजन, विद्यालय स्तर पर चित्रकला, वाद विवाद, निबंध, रंगोली सहित अन्य प्रतियोगिता का आयोजन किया जायेगा। आम लोगों को टीबी उन्मूलन अभियान में अपेक्षित सहयोग की शपथ दिलाई जायेगी।
*पंचायत स्तर पर होगा विशेष टीम गठित*
टीबी मुक्त पंचायत अभियान की सफलता के लिये जिले के चिह्नित पंचायतों में विशेष टीम गठित किया जायेगा। इसमें स्थानीय मुखिया, सरपंच, पंचायत सचिव, टोला सेवक, जीविका दीदी, चिकित्सा अधिकारी, सीएचओ, एएनएम, आशा, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, शिक्षक, टीबी चैंपियन को शामिल होंगे।
*अभियान का मुख्य उद्देश्य*
सिविल सर्जन डॉ विधानचंद्र सिंह ने बताया कि आम जन को रोग के प्रति जागरूक करते हुए टीबी रोग के प्रति समुदाय स्तर पर व्याप्त भ्रांतियों को दूर करना, मरीजों के साथ भेदभाव को कम करना व रोगियों को समय पर जांच व इलाज के लिये प्रेरित करना अभियान का मुख्य उद्देश्य है। उन्होंने कहा कि टीबी मुक्त भारत अभियान की सफलता में हर स्तर पर जन भागीदारी जरूरी है। इसलिये रोग से जुड़े किसी तरह का लक्षण दिखने पर तुरंत जांच व इलाज के लिये उन्होंने प्रेरित किया।
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