Bihar News Live
News, Politics, Crime, Read latest news from Bihar

मधेपुरा: जननायक कर्पूरी ठाकुर मेडिकल कॉलेज अस्पताल में अधिकारियों के नाक के नीचे मरीजों से ईलाज के नाम पर हो रही है पैसों की उगाही,अधीक्षक ने दिया जांच कर कार्रवाई का भरोसा.

190

- sponsored -

 

 

 

बिहार न्यूज़ लाईव मधेपुरा डेस्क:  जननायक कर्पूरी ठाकुर मेडिकल कॉलेज अस्पताल का है बुरा हाल,इलाजरत मरीजों से इलाज और आपरेशन के नाम पर की जा रही है मोटी रकम की डिमांड.एक तरफ जहाँ बिहार के स्वास्थ्य मंत्री स्वास्थ्य व्यवस्था को लेकर बड़े-बड़े दावे और घोषणाएं कर रहे हैं, तो वहीं धरातल पर इनके हीं नुमाइंदे सरकारी दावे पर पानी फेर रहे हैं.

 

- Sponsored -

दरअसल कोसी और सीमांचल क्षेत्र के सबसे बड़े सरकारी जननायक कर्पूरी ठाकुर मेडिकल कॉलेज अस्पताल स्थापना काल से हीं विभिन्न समस्याओं को लेकर सुर्खियों में रहा है यहाँ हो रहे ईलाज और मिल रही सुविधा के नाम पर हमेशा सवाल खड़ा होता रहा है,अब वहीं इन दिनों मेडिकल कॉलेज अस्पताल में एक और नया मामला सामने आ रहा है, अस्पताल में चिकित्सकों के द्वारा इलाज और आपरेशन के नाम पर मरीजों से मोटी रकम की डिमांड किया जा रहा है. दरअसल मेडिकल कॉलेज अस्पताल के ऑर्थो विभाग में इलाज करवा रहे मरीज एवं परिजनों ने डॉक्टर एवं कर्मियों पर इलाज के नाम पर रुपए मांगने का गंभीर आरोप लगाया है.

 

पहले तो यहाँ मौजूद मरीज और उनके परिजन मीडिया के सामने आने से परहेज कर रहे, लेकिन एक दो लोगों द्वारा इस मामले पर बोले जाने के बाद सभी लोगों ने एक एक कर मीडिया के सामने इस वार्ड में चल रहे दलाली का पुरा पोल खोल दिया. लोगों का कहना है की एक तो ऑर्थो वार्ड में डॉक्टर रेगुलर चेकअप करने नहीं आते हैं वहीं अगर किसी पेशेंट का ऑपरेशन होना होता है तो उनसे पहले ही 20 से 30 हजार का डिमांड कर दिया जाता है और नहीं देने पर उनका ऑपरेशन टाल दिया जाता है. बता दें कि मेडिकल कॉलेज अस्पताल में पैसों के खेल का यह गंभीर आरोप एक दो नहीं बल्कि कई लोगों ने लगाया है. गौरतलब है कि इस मामले पर पूछे जाने पर मेडिकल कॉलेज की अधीक्षिका डॉक्टर मालती कुमारी ने बताया कि उन्हें इस मामले में कुछ पता ही नहीं है. वो रोज सभी वार्डों में राउंड लगाती हैं लेकिन इस मामले की शिकायत किसी ने भी उनसे नहीं की है, फिर भी जानकारी मिली है तो जांच कर कार्रवाई की जाएगी.

 

बहरहाल अब सवाल यह खड़ा हो रहा है कि आखिर जब सरकार लगातार स्वास्थ्य व्यवस्था को लेकर सजगता दिखा रही है तो वहीं इस तरह से मरीजों के शोषण पर कब तक अंकुश लगा कर इसमें शामिल सिंडिकेट पर कार्यावाही करेगी और ईलाज के नाम पर हो रहे दलाली के खेल का कब तक पर्दाफास हो पायेगा.फिलहाल सिस्टम पर उठ रहा एक बड़ा सवाल, इन सवालों के कटघरे में खड़ा है 800 करोड़ की लागत से बना मेडिकल कॉलेज अस्पताल और सूबे की स्वास्थ्य व्यवस्था.

 

 

- Sponsored -

Get real time updates directly on you device, subscribe now.

- sponsored -

- sponsored -

Comments are closed.

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More