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बाढ़ की विभीषिका के बीच जल संसाधन सहित दो समितियों की बैठक, समाधान पर विमर्श

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  • दोनो समितियों की कमान बिहार के सांसदो को
  • बिहार में बाढ़ की स्थिति और इससे क्षतिग्रस्त होने वाले हाईवे पर विशेष चर्चा हुई
  • दोनो संसदीय समितियों में लोकसभा के 21-21 और राज्यसभा के 10-10 सांसद सदस्य
  • जल संसाधन के अध्यक्ष रुडी तो राज्यसभा सांसद संजय झा है सदस्य
  • परिवहनपर्यटन और संस्कृति समिति के अध्यक्ष संजय झा तो सांसद रुडी है सदस्य

 

संसद भवन के संसदीय सौंध स्थित समिति के कार्यालय में जल संसाधन एवं परिवहन, पर्यटन और संस्कृति संबंधी संसद की स्थायी समितियों की बैठक हूई। परिवहन, पर्यटन और संस्कृति समिति के बैठक की अध्यक्षता बिहार से जदयू के राज्यसभा सांसद संजय झा ने की तो वहीं जल संसाधन समिति की बैठक की अध्यक्षता समिति के अध्यक्ष और बिहार के सारण लोकसभा क्षेत्र से भाजपा सांसद राजीव प्रताप रुडी ने की।

 

यह संयोग ही है कि इस समय बिहार में बाढ़ आई हुई है तो वही बाढ़ के पानी के कारण कई नेशनल हाईवे क्षतिग्रस्त भी हो गये है। ऐसे समय में इन दोनों विषयों से संबंधित संसद की स्थायी समितियों की बैठक हुई जिसमें दोनों समितियों की कमान बिहार के सांसदों को ही है। बैठक में बिहार के प्रमुख विषयों में बाढ़ नियंत्रण एवं जल निस्सरण के साथ ही राष्ट्रीय उच्च पथों से संबंधित विषयों को कई सदस्यों ने उठाया जिसपर पर विमर्श हुआ।

बिहार सहित अन्य राज्यों में बाढ़ के कारण हर वर्ष सैकड़ों हजारों किलोमीटर की सड़कें प्रभावित होती है। कुछ सड़कें पूरी तरह से टूट जाती है और आवागमन के लायक नहीं रहती जबकि कुछ सड़कें आंशिक क्षतिग्रस्त होती है और उनको शीघ्र आवागमन के लायक बनाया जा सकता है। परिवहन, पर्यटन और संस्कृति समिति की बैठक में इन मुद्दों पर विशेष चर्चा हुई। बैठक में अच्छी कनेक्टिविटी के लिए सर्वाेच्च प्राथमिकता की सड़कों और पुल-पुलियों का तकनीकी मापदंडों के अनुरूप अच्छी गुणवत्ता के साथ समय-सीमा में निर्माण पर बल दिया गया।

 

बैठक में देश के कई राज्यों में बाढ़ की स्थिति को देखते हुए बांध की सुरक्षा, बिहार समेत देश के अन्य राज्यों में बाढ़, बाढ़ नियंत्रण उपायों पर विशेष चर्चा हुई। बिहार के 18 जिलों में बाढ़ की विभिषिका के मद्देनजर विशेष चर्चा हुई। बैठक में अन्य मुद्दों के अलावा विशेष रूप से व अन्य राज्यों में बाढ़ की विभीषिका और उसके निवारण के बिंदुओं पर चर्चा हुई। इसके अतिरिक्त बैठक में जल संरक्षण, जल वितरण, ग्रामीण विकास की योजनाएं, जलाशय प्रबंधन, बाढ़ नियंत्रण उपाय, केंद्र के जल जीवन मिशन और स्वच्छ भारत मिशन के तहत ठोस और तरल अपशिष्ट प्रबंधन पर भी चर्चा हुई।

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